कायस्थ विरोधियो से एक सवाल ? पर त्वरित टिप्पणी:राधेगोबिन्द माथुर
हमारा समाज एक ईकलोता समाज हे जहाँ हर व्यक्ति अपने को समझदार व ज्ञानी तथा दूसरों को हीन समझता हे । ज़रा सी कामयाबी मिलते हे ,लोग आपके विरुद्द होने लगते हे। थोड़ा सा सहयोग मिलते ही एक ग्रुप का निर्माण कर स्वयंभू नेता बन जाते हे । व ज़रा सा उनके विरुद्ध बोलो तो माफिया की तरह बोलने वाले को इतना जलील कि…
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कायस्थ विरोधियो से एक सवाल ?
कायस्थ शब्द से अपने ही समाज में 90%लोगों को इतनी एलर्जी क्यों ? जैसे अब नया चलन हो गया है कायस्थ वंशवाद को छोड़कर  चित्रांश वंशज चित्रांशी वंशज अदर चित्रांशीयों ये प्रचलन नया मार्केट में घूम रहा है !  जो की हमारा मुल ही कायस्थ है और ये कायस्थ शब्द ईसा पुर्व के पहले मतलब वैदिक काल के पहले से ही कायस्…
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मुंशी नहीं, विश्व न्यायाधीश हैं चित्रगुप्त
श्री चित्रगुप्ताय नमः  प्रत्येक वर्ष चित्रगुप्त पूजा में राजा सौदास की कहानी  पढ़ते हैं। एक बार फिर उस कथा को ध्यानपूर्वक पढ़ें। श्लोक संख्या 20 एवं 21 पर ध्यान दें।  ब्रह्मा जी की दस हज़ार दस सौ वर्ष की तपस्या के बाद उनके शरीर से चित्रगुप्त जी प्रकट हुए। ब्रह्मा जी ने उनसे कहा- मच्छरीरात्समुद्भूतस्मा…
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हंगरी के लोगों की कुलदेवी शाका अंबा माता
Hungary हंगरी के लोग हूण कहलाते हैं । वे स्वयं को चौहान राजपूत बताते हैं । राजस्थान के  Sambhar सांभर में स्थित  Shaka Amba Mata शाका अंबा माता, जो शक्ति पीठ भी है, उनकी कुल देवी है ।  भारत में अनेक चौहानों के राज्य रहे जिनमें ajmerअजमेर, delhiदिल्ली, kotaकोटा, bundiबूंदी, सिरोही, sojatसोजत, रणथं…
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शब्दों के वाण चलाने से बचें।
शब्द रूपी वाणों को ही महाभारत कराने का श्रेय जाता है। महाभारत महाकाव्य का मुख्य पात्र "कर्ण" इसके सबसे बङा उदाहरण है,अगर कर्ण का सहारा दुर्योधन को नही मिला रहता तो संभवतः महाभारत की लङाई नही हुई होती, वैसे होनी प्रवल है। लेकिन ये भी बात सत्य है कि भविष्य में होने वाले घटनाओं का सिर्फ अनुम…
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Kayastha कायस्थ का अर्थ
कायस्थ संस्कृत [संज्ञा पुल्लिंग] 1. एक हिंदू जाति, भगवान चित्रगुप्त जी के वंशज है 2. कायस्थ जाति का व्यक्ति। [विशेषण] शरीर अथवा काया में रहने वाला। कायस्थ 2- संज्ञा पुलिंग [संस्कृत] 1. जीवात्मा । 2. परमात्मा । 3. एक जाति का नाम । कायस्थ । विशेष-इस जाति के लोग प्रायः लिखने पढ़ने का काम करते है और पं…
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Kayastha कायस्थ शब्द के अक्षर का अर्थ
कायस्थ इति जीवेत्तु विचरेच्च इतस्ततः।। 34।। अर्थ- कायस्थ प्राणी (मनुष्य) स्मरण किये गये हैं, वह भ्रमण करते हैं।। 34।। काकाल्लौल्यं यमात् क्रौर्यम् स्थपतेरथ कृन्तनम्। आद्याक्षराणि संगृह्य कायस्थ इति कीर्तितः।। 35।। अर्थ- काक के समान चतुर, काल के समान साक्षात् मृत्युदाता, यमराज के समान न्याय में क्रू…
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श्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने आज के दिन 09 जून 1964 को देश के दुसरे प्रधानमंत्री की बागडोर संभाली थी,
जयपुर Jaipur , 9 जून ।Kayastha कायस्थ सभा प्रताप नगर सोसाइटी सागानेर,जयपुर के महासचिव युगल किशोर नेहवारिया ने  श्री लाल बहादुर शास्त्री जी को श्रद्वासुमन अर्पित करते हुए कहा कि आप सादगी  ओर ईमानदारी के प्रतीक शास्त्री जी ने भारत देश को जय जवान जय किसान का नारा दिया, आपने 1965 का भारत पाकिस्तान युद्…
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आपके वंशज पहले कहाँ के राजा थे ??
Kayastha कायस्थो का ननिहाल : नागवंश  भगवान  Chitragupta चित्रगुप्त की दो शादियाँ हुईं,जिनसे 12 पुत्र थे और पुत्रों का विवाह नागराज बासुकी की बारह कन्याओं से सम्पन्न हुआ, जिससे कि कायस्थों की  ननिहाल  Nagvansh नागवंश मानी जाती है। उनकी  पहली Wife पत्नी  Suryadakshina सूर्यदक्षिणा /नंदनी जो ब्राह्म…
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भगवान हनुमानजी का नाम किसने रखा ,जानिए ।
हनुमान जी का जन्म त्रेता युग मे अंजना (एक नारी वानर) के पुत्र के रूप मे हुआ था। अंजना असल मे पुन्जिकस्थला नाम की एक अप्सरा थीं, मगर एक शाप के कारण उन्हें नारी वानर के रूप मे धरती पे जन्म लेना पडा। उस शाप का प्रभाव शिव के अन्श को जन्म देने के बाद ही समाप्त होना था। अंजना केसरी की पत्नी थीं। केसरी …
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ऐसे कीजिए चित्रगुप्त जी की पूजा फिर यह सुनाये कथा ।
चित्रगुप्तChitragupta के जन्म की कथा । जब यमराज ने अपने सहयोगी की मांग की, तो ब्रह्मा ध्यान में चले गए। उनकी एक हजार वर्ष की तपस्या के बाद एक पुरूष उत्पन्न हुआ। इस पुरूष का जन्म ब्रह्मा जी की काया से हुआ था। इसलिए ये Kayastha कायस्थ कहलाये और इनका नाम चित्रगुप्त पड़ा। In the hands of Lord Chitragup…
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मिक्सी कायस्थ की देन ।
मिक्सी Mixi क्या होती है इसके बारे में अब बताना बेकार है । हाॅ गांव ढाणी की बात करे तो सही है , लेकिन शहरी इलाको में मिक्सी जगजाहिर है । फिर भी बता देते है  कि  मिक्सी   mixer  क्या होती है । पचास, साठ के दशक में मसाला, या तो सिलबटटे पर पिसा जाता था या फिर हमाम दस्ते में ।  अब सिलबटटे और हमाम दस्त…
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मुंशी प्रेमचंद जी का अपनी पत्नी के साथ इस फोटो में उन्होंने फटे जूते पहन रखे हैं।
Munshi   मुंशी  Premchand  प्रेमचंद जी का अपनी  wife  पत्नी के साथ इस फोटो में उन्होंने  torn  फटे  shoes  जूते पहन रखे हैं। इस फोटो को देख कर  Hari Shankar   हरिशंकर parsai  परसाई जी ने एक लेख लिखा था। इस लेख में उन्होंने कहा था।  मैं सोचता हूं कि अगर फोटो खिंचवाने की यह पोशाक है, तो प्रतिदिन प…
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  जानिए:श्री चित्रगुप्तजी महाराज की आरती के रचयिता: मुंशी फतहलाल सीमलोत
जब भी  श्री चित्रगुप्तजी महाराज की पूजा करते हैं तो उनकी आरती गाते हैं। उस आरती में रचयिता के नाम वाली ये पंक्ति आती है ' फ़तहलाल माणक भंडारी अजमेरी गाता'। मैं आज आपको इन्हीं फ़तहलाल जी के विषय में जानकारी देने वाला हूँ। मुंशी फ़तहलाल  सीमलोत, कायस्थ समाज की एक जानी मानी हस्ती थे। वे हिन्दी, स…
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विश्व न्यायाधीश हैं चित्रगुप्त जी ।
प्रत्येक वर्ष चित्रगुप्त पूजा में राजा सौदास की कहानी  पढ़ते हैं। एक बार फिर उस कथा को ध्यानपूर्वक पढ़ें। श्लोक संख्या 20 एवं 21 पर ध्यान दें।ब्रह्मा जी की दस हज़ार दस सौ वर्ष की तपस्या के बाद उनके शरीर से चित्रगुप्त जी प्रकट हुए। ब्रह्मा जी ने उनसे कहा- मच्छरीरात्समुद्भूतस्मात्कायस्थसंज्ञकः। चित्र…
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भगवान श्री चित्रगुप्त जी एक ,प्राकट्य दिवस दो बार ......?
जयपुर, 2 मई । कायस्थ समाज के आराध्य देव श्री चित्रगुप्त जी महाराज एक है लेकिन समाज अपने आराध्य देव का प्राकट्य दिवस साल में दो बार मनाते है । कायस्थ समाज का एक प्रबुद्व वर्ग धर्मराज दशमी को प्राकट्य दिवस मनाता है जबकि दूसरे प्रबुद्व वर्ग ने गत 30 अप्रेल को गंगा सप्तमी पर भगवान श्री चित्रगुप्तजी क…
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जानिए श्री चित्रगुप्त कथा और श्री सत्यनारायण व्रत कथा के बारे में ।
मेरे दादाजी स्वर्गीय  मिट्ठन लाल जी साहब को धार्मिक पुस्तकें छपवाने का बहुत शौक था। सौ साल से भी ज्यादा पहले इनकी कई पुस्तकें छपी थी जिनमें से मुझे दो पुस्तकें श्री चित्रगुप्त कथा *और *श्री सत्यनारायण व्रत कथा पुस्तकें याद है। श्री चित्रगुप्त कथा पुस्तक का प्रथम संस्करण आज से 102 साल पहले मिट्ठ…
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जानिए रामायण का एक अनजान सत्य...
केवल लक्ष्मण ही मेघनाद का वध कर सकते थे.. क्या कारण था ?..पढ़िये पूरी कथा      हनुमानजी की रामभक्ति की गाथा संसार में भर में गाई जाती है। लक्ष्मणजी की भक्ति भी अद्भुत थी। लक्ष्मणजी की कथा के बिना श्री रामकथा पूर्ण नहीं है।  अगस्त्य मुनि अयोध्या आए और लंका युद्ध का प्रसंग छिड़ गया ।     भगवान श्रीर…
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