कायस्थ विरोधियो से एक सवाल ? पर त्वरित टिप्पणी:राधेगोबिन्द माथुर




हमारा समाज एक ईकलोता समाज हे जहाँ हर व्यक्ति अपने को समझदार व ज्ञानी तथा दूसरों को हीन समझता हे ।

ज़रा सी कामयाबी मिलते हे ,लोग आपके विरुद्द होने लगते हे।

थोड़ा सा सहयोग मिलते ही एक ग्रुप का निर्माण कर स्वयंभू नेता बन जाते हे । व ज़रा सा उनके विरुद्ध बोलो तो माफिया की तरह बोलने वाले को इतना जलील किया जाता हे की वो चुपचाप side हो जाता हे।

50 कायस्थ सभाए हे पर यह लोग इस पर शर्म नहीं गर्व महसूस करते हे ।

अब भी आपको लगता हे की हमारा समाज बहुत आगे हे या आगे हो जाएगा तो हम एक खूबसूरत ग़लत फ़हमी में हे । 

पर फ़िक्र न करे आम हिंदू भी एसे हि स्वप्न देख रहा हे।

किसी को नागवार गुजरी हो तो माफ़ी के साथ।