Munshi मुंशी Premchand प्रेमचंद जी का अपनी wife पत्नी के साथ इस फोटो में उन्होंने torn फटे shoes जूते पहन रखे हैं।
इस फोटो को देख कर HariShankar हरिशंकर parsai परसाई जी ने एक लेख लिखा था।
इस लेख में उन्होंने कहा था।
मैं सोचता हूं कि अगर फोटो खिंचवाने की यह पोशाक है, तो प्रतिदिन पहनने की कैसी होगी । नहीं, इस आदमी की अलग . अलग पोशाकें नहीं होंगी।इसमें पोशाकें बदलने का गुण ही नहीं है।यह जैसा है वैसा ही फोटो में खिंच जाता है।
यह पोशाक बदल भी नहीं सकता क्यों कि इसने भारत की जनता के मर्म को छुआ है, इसकी पोशाक के पीछे गोदान जैसे महाकाव्य की आदरांजली भी तो है ।
साभार प्रदीप माथुर ,अलवर ।