कायस्थों का इतिहास
Kayastha कायस्थ , एक 'उच्च' श्रेणी की जाति है हिन्दुस्तान में रहने वाले सवर्ण हिन्दू हैं ।चित्रगुप्त वंशी क्षत्रियो को ही कायस्थ कहा जाता है। स्वामी वेवेकानंद ने अपनी जाती की व्याख्या कुछ इस प्रकार की है :-  एक बार स्वामी विवेकानन्द से भी एक सभा में उनसे उनकी जाति पूछी गयी थी। अपनी जाति अथव…
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ईगों छोडिए, बातचीत कीजिए ..............
प्रसंग : श्री चित्रगुप्त जी का प्राकट्योत्सव   कायस्थ समाज के नेताओं की जिद् की वजह से हमारे आराध्य देव श्री चित्रगुप्त जी भगवान का   प्राकट्योत्सव एक दिन नहीं अपनी मर्जी से सुविधानुसार मनाया जा रहा है । श्री चित्रगुप्त जी का प्राकट्योत्सव को लेकर समाज क…
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शिलालेखो का संरक्षण जरुरी: प्रो. माथुर
Udaipur उदयपुर, 19 अप्रैल (कायस्थ टुडे ) ।मेवाड़ इतिहास परिषद, उदयपुर (राजस्थान) की ओर से आयोजित संगो​ष्ठी में इतिहासकर प्रो. गिरीश नाथ माथुर ने कहा कि मंदिरों, चबूतरो, बावड़ीयो,धरोहरों पर लगे शिलालेखो का संरक्षण जरुरी है । मेवाड़ इतिहास परिषद, उदयपुर के अध्यक्ष प्रो माथुर ने कहा कि इतिहास में त…
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क्या है ढूंढ जानिएं..........
होली पर्व पर ढूंढ व ग़ैर का अपना ही महत्व है। होली पर नवजात शिशु की ढूंढ की परंपरा आज भी बरकरार है।    नवजात शिशु के घर मीठी पूडिय़ा (हुआरी) बनाई जाती है, रिश्तेदार मिलकर इसको बनाते है। इसमें गुड़ का पानी एवं गन्ने का रस डाला जाता है जिससे वह मीठी होती है। शहरों में होलिका दहन होने के साथ ही उसके च…
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कायस्थों की विरासत की झलक :ऐसे होती है ढूंढ
कायस्थों की विरासत की झलक :ऐसे होती है ढूंढ जयपुर में अधिकतर युवा नहीं समझते है ढूंढ किसे कहते है ।  कायस्थ समाज की विरासत को अक्षुण रखने के लिए चित्रांश संगठन एंव मीडिया अपनी जिम्मेदारी निभा रहे है । युवा वर्ग को होली पर होने वाली ढूंढ क्या है और कैसे होती है ।AFM सोसाइटी की घेर ने रंगपाशी कार्यक…
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प्रताप के अभिन्नय थे भामाशाह: डॉ. भटनागर
Udaipur उदयपुर 20 जनवरी।Kayastha Today महाराणा प्रताप के संघर्षमय जीवन में सर्वस्व न्योछावर कर प्राणों की आहुति देने वालों की कतार लंबी है मगर संकटकालीन स्थिति में प्रताप को 2500000 रुपए व 20000 अशरफिया भेंट कर आर्थिक रूप से सहयोग देकर मेवाड़ के लिए करीब 15 वर्षों तक सैन्य प्रबंधन की व्यवस्था कर मा…
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स्वामी विवेकानन्द जी को जानिए
“ मैं उन महापुरुषों का वंशधर हूँ, जिनके चरण कमलों पर प्रत्येक ब्राह्मण यमाय धर्मराजाय चित्रगुप्ताय वै नमः का उच्चारण करते हुए पुष्पांजलि प्रदान करता है और जिनके वंशज विशुद्ध रूप से क्षत्रिय हैं। यदि अपने पुराणों पर विश्वास हो तो, इन समाज सुधारकों को जान लेना चाहिए कि मेरी जाति ने पुराने जमाने में…
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कायस्थ नहीं करते 24 घंटे के लिए कलम का उपयोग
जब भगवान राम के राजतिलक में निमंत्रण छुट जाने से नाराज भगवान् चित्रगुप्त ने रख दी  थी कलम !!उस समय परेवा काल शुरू हो चुका था ।   परेवा के दिन कायस्थ समाज कलम का प्रयोग नहीं करते हैं  यानी किसी भी तरह का का हिसाब - किताब नही करते है आखिर ऐसा क्यूँ  है ?पूरी दुनिया में कायस्थ समाज के लोग  दीपावली के …
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कलम और हिसाब किताब के देव चित्रगुप्त जी महाराज की पूजा विधि ।
कलम और हिसाब किताब के देव चित्रगुप्त महाराज की पूजा का दिन है। कलम के आराध्य देव भगवान  Lord Chitragupta  चित्रगु्प्त की पूजा kayastha कायस्थ परिवार के लोग धूमधाम के साथ करते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कायस्थ जाति को उत्पन्न करने वाले भगवान चित्रगुप्त जी का जन्म यम द्वितीया के दिन हुआ। कार्…
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चौथ माता के दर्शन के लिए 700 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं।
चौथ का बरवाडा: सवाई माधोपुर राजस्थान , 24 अक्टूबर (कायस्थ टुडे) अगर आप को लगता है कि करवा चौथ से जुड़ा कोई मंदिर नहीं होगा तो आप गलत हैं।  राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के चौथ का बरवाड़ा गांव में स्थित है चौथ माता का एक मंदिर, जिसके नाम पर इस गांव का नाम ही बरवाड़ा से बदल कर चौथ का बरवाड़ा हो गया। …
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निंदा, क्रोध और घृणा ये सभी दुर्गुण हैं।
मुंशी प्रेम चंद की 85 वी पुण्यतिथि  निंदा, क्रोध और घृणा ये सभी दुर्गुण हैं, लेकिन मानव जीवन में से अगर इन दुर्गुणों को निकाल दीजिए, तो संसार नरक हो जायेगा। यह निंदा का ही भय है, जो दुराचारियों पर अंकुश का काम करता है। यह क्रोध ही है, जो न्याय और…
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जयप्रकाश के सिद्धांतों से हमें सीख लेनी ही होगी
जयप्रकाश नारायण  42 वी पुण्यतिथि देश, समाज की ज़रा भी जानकारी रखने वाला व्यक्ति जय प्रकाश नारायण के नाम से न केवल सुपरिचित होगा, बल्कि इस लोकनायक के बारे में और अधिक जानने समझने को उत्सुक भी होगा. मेरा जन्म चूंकि पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया जि…
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