महिलाओं में बहुत कुछ करने और आगे बढ़ने की ललक है। डॉ शिप्रा माथुर

जयपुर, 7 अगस्त। रजिस्ट्रार सहकारिता श्री मुक्तानंद अग्रवाल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने हमेशा सर्वधर्म समभाव की बात की। उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस भारत के इतिहास के अनोखे व्यक्ति थे। भारत एक आध्यात्मिक देश है। यहां अध्यात्म की कई विचारधाराएं प्रवाहित हुई है।

श्री अग्रवाल रविवार को यहां रामकृष्ण मिशन परिसर में आजादी का अमृत महोत्सव और स्वामी विवेकानंद तथा रामकृष्ण मिशन की स्थापना के 125 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित यूथ कन्वेंशन एवं पुरस्कार वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। 

     डॉ शिप्रा माथुर ने कहा कि आज महिलाओं में बहुत कुछ करने और आगे बढ़ने की ललक है। वैदिक काल में मैत्रेयी, घोषा जैसी विदुषी महिलाएं थी, जो अपनी न्यायशीलता के लिए जानी जाती है। मीराबाई, अमृता देवी, कालीबाई ने अपने कार्यों से त्याग का उदाहरण पेश किया है। आजादी के दौर में राजनीतिक आंदोलन में महिलाओं का योगदान सराहनीय रहा है। संविधान सभा में 15 महिलाओं द्वारा संविधान बनाने में योगदान रहा है