संगीत के इतिहास में मुकेश का योगदान प्रेरणास्पद: प्रो. माथुर





Udaipur उदयपुर 28 अगस्त (कायस्थ टुडे) । भारतीय संगीत के इतिहास में गायक कलाकार मुकेश के गीतो ने समाज को रोमांच, श्रंगार व जीवन के दर्द को अपनी विशिष्ट  मधुर आवाज मे गाकर जनमानस को आकर्षित किया व कायस्थ समाज के साथ संगीत के इतिहास में अपना प्रेरणास्पद स्थान स्थापित किया है। 

उक्त विचार मेवाड़ इतिहास परिषद उदयपुर के अध्यक्ष इतिहासकार प्रो. गिरीश नाथ माथुर ने मेवाड़ इतिहास परिषद एवं अखिल भारतीय कायस्थ महासभा संभाग उदयपुर द्वारा मुकेश की पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर यहां आयोजित "मुकेश का संगीत के इतिहास में समाज को योगदान" विषयक संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किये।
 
महासभा के संभाग अध्यक्ष व इतिहास परिषद के महासचिव डॉ. मनोज भटनागर ने बताया कि मुकेश का जन्म 22 जुलाई 1923 में दिल्ली में कायस्थ परिवार में हुआ व उनका का निधन 27 अगस्त 1976 में हुआ था, अपनी मधुर आवाज से अपने 35 वर्षों के संगीत के सफर में लगभग 525 फिल्मों में 900 गीतों को गाकर मुकेश ने आज के युग में यादगार मिसाल स्थापित की हैं।

संभाग संयोजक शिरीष नाथ माथुर ने मुकेश के संगर्ष  मय जीवन पर प्रकाश डाला | सभा में उपस्तिथ  राष्ट्रीय मंत्री गौरीशंकर भटनागर, पंकज भटनागर, डॉ. संगीता भटनागर, अनुराधा माथुर,लक्ष्मी माथुर ने भी मुकेश की आवाज और उनके गीतों की विशेषता पर प्रकाश डाल उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। 
महासभा अध्यक्ष डॉ. राकेश माथुर ने बताया की श्री चित्रगुप्त सभा,उदयपुर  द्वारा "एक शाम मुकेश के नाम" का आयोजन किया  है