“कभी कभी मेरे दिल में” महान पार्श्वगायक मुकेश चंद्र माथुर को याद किया


जयपुर,Sep 25 (कायस्थ टुडे)  बरसते मौसम की रिमझिम फुहारों के बीच जवाहर कला केंद्र, जयपुर आज सुरों से सराबोर हो उठा। चित्रांश आर्ट्स एंड कल्चर फाउंडेशन, जयपुर द्वारा जवाहर कला केंद्र के सहयोग से आयोजित भव्य संगीतमय कार्यक्रमहर दिल जो प्यार करेगामें महान पार्श्वगायक मुकेश चंद्र माथुर को अनूठी स्वरांजलि दी गई।

 

बरसते मौसम में बहेंगी धुनें,

मुकेश जी के गीत दिलों में गूंजेंगे

यादों की ये शाम हमेशा याद रहेगी।

 

इन्हीं पंक्तियों की तरह कार्यक्रम सचमुच यादगार बन गया। मानसून की ठंडी बयार और बूंदों की सरगम के बीच रंगायन सभागार, जवाहर कला केंद्र, मुकेश जी की अमर आवाज़ और अमर धुनों से गूंजता रहा।इस संगीत मैराथन में मुकेश के 100 अमर गीत, 100 से अधिक गायक-गायिकाओं द्वारा प्रस्तुत किए गए। सुबह 11 बजे शुरू हुआ यह कार्यक्रम लगातार आठ घंटे से अधिक चलता रहा। रोमांस, पुरानी यादें और शुद्ध आनंद से भरी इस संगीतमय यात्रा में श्रोताओं की तालियाँ और भावनाएँ लगातार बहती रहीं।

 


कार्यक्रम निदेशक राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि, “मुकेश जी की आवाज़ पीढ़ियों से दिलों को छूती रही है। आज हमने उनके सुनहरे नग़में फिर से जीवंत किए और श्रोताओं को एक अविस्मरणीय सफ़र पर ले गए। बारिश और धुनों का यह संगम अपने आप में ऐतिहासिक बन गया।इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में कपिल माथुर, MD दैनिक भास्कर, डॉ शालिनी माथुर, मनीष पारीक, सांस्कृतिक प्रकोष्ठ अध्यक्ष,  निरंजन माथुर, उषा राय माथुर, मनीष माथुर, अरुण श्रीवास्तव, मनीष वर्मा, अवध बिहारी माथुर, अमित श्रीवास्तव, छवि अनुपम, सुजीत सिन्हा और निशि माथुर की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को और भी विशेष बना दिया।



जयपुर ही नहीं बल्कि टोंक, धौलपुर, जोधपुर, दिल्ली, भोपाल, विदिशा, ग्वालियर, बूंदी और कोटा से आए कलाकारों ने अपनी मधुर प्रस्तुतियों से वातावरण को मुकेशमय बना दिया। सभागार की हर गूँज मेंकभी कभी मेरे दिल में, “जीना यहाँ मरना यहाँ, “सावन का महीनाऔरहर दिल जो प्यार करेगाजैसे गीत दर्शकों की स्मृतियों में ताज़गी घोलते रहे।कार्यक्रम का समापन श्रोताओं की भावभीनी तालियों और जयपुर के संगीत प्रेमियों की उत्साहपूर्ण भागीदारी के बीच हुआ। निश्चय ही यह संगीतमय शाम आने वाले वर्षों तक लोगों के दिलों में अमिट यादें छोड़ गई।