AFM माथुर सोसायटी जयपुर : कजरा मोहब्बत वाला..........
Jaipur जयपुर, 16 जनवरी, (कायस्थ टुडे )। अग्रवाल फार्म मानसरोवर माथुर सोसायटी जयपुर ने आज बहुत महंगे कंपोज़र ओ पी नैय्यर को उनके संगीत द्वारा सजाये गए गानों को गाकर याद किया ।

  अम्बे माथुर ने  पुकारता चला हूॅ मैं..... लाखों है निगाह में जिन्दगी की राह में....अर्चना माथुर ने होले होले चलो साजना.... ईला नाग ने  ठंडी हवा काली घटा.... रविशंकर माथुर ने तुम जो हुए मेरे हम सफर...... कुमकुम माथुर ने कजरा है मोहब्बत वाला अखियों में ऐसा डाला..... रेनू माथुर ने जाइएं आप कहां जायेंगे....उदय शंकर माथुर ने  मांग के साथ तुम्हारा....पुष्पेन्द्र माथुर ने आपके हसीन रूख पे ......विनोद माथुर मांग के साथ तुम्हारा...... ,अनुराधा माथुर यह वो जगह है यही वो फिजा है ------रेखा माथुर पिया पिया जिया मोरा पुकारे......



Agarwal Farm Mansarovar Mathur Society Jaipur अग्रवाल फार्म मानसरोवर माथुर सोसायटी के  गोपाल दत्त माथुर, प्रेमशंकर माथुर,विमल किशोर माथुर, अम्बे नारायण माथुर ने के सयोजन में हुए वच्यूअल कार्यक्रम में सदस्यों ने खूबसूरत प्रस्तुति दी ।


1994 की फिल्म ‘अंदाज़ अपना अपना’ तो याद होगी? सिनेमा की कल्ट कॉमेडीज़ में शुमार होने वाली इस फिल्म के सारे गाने 60’s का टच लिए हुए थे. फिल्म में जब ‘ऐलो जी सनम’ गाना आता है तो  ईस्टमैन युग का  भ्रम पैदा कर देता है, कहना चाहिए कि ओ.पी. नैय्यर की कंपोजीशन का भ्रम पैदा करता है।


50 और 60 के दशक के ऐसे तमाम हिट गानों की अगर लिस्ट बनाई जाए जिनमें लता मंगेश्कर नहीं हैं, तो इसमें ओ.पी. नैय्यर की धुनों की गिनती सबसे ज़्यादा होगी. हिंदी सिनेमा के ईस्टमैन युग में ओ.पी. नैय्यर का संगीत कितना हिट था इसकी बानगी ये है कि ओ.पी. नैय्यर पहले संगीतकार हैं जो 50 और 60 के दशक में संगीत देने के एक लाख रुपए लेते थे जो बहुत ही बड़ी रकम थी ।

‘कजरा मोहब्बत वाला’, ‘दीवाना हुआ बादल’, ‘इक परदेसी मेरा दिल ले गया’, ‘आओ हुज़ूर तुमको’, ‘आइये मेहरबान’, ‘पुकारता चला हूं मैं’, ‘लाखों है यहां दिलवाले’, ‘उड़े जब-जब ज़ुल्फे तेरी’, ‘तौबा ये मतवाली चाल’ जैसे सब गाने उन्होंने कंपोज किए और आज भी बड़े लोकप्रिय हैं। Kayastha Today