कायस्थ समाज को आरक्षण आज की जरूरत-मनीष श्रीवास्तव





नयी दिल्ली, 13 अगस्त । अखिल भारतीय कायस्थ महासभा और विश्व कायस्थ परिषद के राष्ट्रीय सयोंजक  मनीष श्रीवास्तव ने कहा कि कायस्थ समाज को आरक्षण आज की जरूरत है ।

   

श्रीवास्तव के अनुसार देश मे सनातनी कायस्थ 11करोड़ से अधिक संख्या में बिभिन्न उपनामो से जाने जाते है जैसे कि श्रीवास्तव, खरे, निगम, माथुर,भटनांगर, सक्सेना, कुलश्रेष्ठ, अस्थाना, सिन्हा, सहाय, दत्त, बासु, सरकार, पटनायक, दास, पठारे,ठाकरे समेत कई उपनाम, हर प्रदेश में कई उपनाम।पिछले 14बर्षो से हम लोग कायस्थ समाज को आरक्षण मिले इसके लिए आवाज उठा रहे है कई बार।पहले सिर्फ मकसद था शैक्षणिक और नौकरी हेतु। लेकिन आज सबसे बड़ी जरूरत बन गई है राजनीतिक आरक्षण।


उन्होने कहा मेरा मानना है कि देश,प्रदेश की दिशा देने को कायस्थ समाज को यदि पिछड़ा बर्ग या अन्य आरक्षण मिलता है तो सबसे बड़ा फायदा राजनीतिक फायदा होगा , हम कायस्थ उत्तरप्रदेश से लेकर देश की तस्बीर बदल देंगे वशर्ते हम सब जमीनी सच्चाई को मानते हुए जनसख्या आंकड़े को सार्वजिनक करने को सरकार  पर दवाब डाले।




 उन्होने कहा 11अकटुबर 2021 से उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में  बिहार उत्तरप्रदेश बॉर्डर पर स्तिथि सिताबदियारा जो जय प्रकाश नारायण जी की पैतृक स्थल है से " कायस्थ स्वाभिमान यात्रा" निकालने जा रहे है। यह यात्रा कायस्थ समाज की जनसख्या की गिनती, आरक्षण तत्काल लागू हो, बच्चो को इसी वर्ष से आरक्षण का लाभ मिले, आर्थिक मदद मिले, नौकरी में आरक्षण तत्काल लागू हो, उत्पीड़न की घटना बन्द हो को लेकर हमारे सन्गठन "विश्व कायस्थ परिषद" और "अखिल भारतीय कायस्थ महासभा" ®2150,नई दिल्ली के सयुक्त तत्वावधान उत्तर प्रदेश के सभी जनपद में यह यात्रा 2-3दिन रहेगी।


श्रीवास्तव के अनुसार आरक्षण का लाभ हम कायस्थों को सिर्फ 5साल के लिए मिल जाता है तो हम कायस्थ जहां नौकरी, शिक्षा में अब्बल साबित होंगे वही देश और प्रदेश की दिशा और दशा को सुधारने में भी अब्बल साबित होंगे। हमे किसी का आसरा नही लेना होगा फिर।


उन्होने अपील की है कि कायस्थ बन्धु ews के कन्फ्यूजन से दूर होकर आरक्षण की परिभाषा जरूर समझे।यह भी समझे इससे आपकी मोरल या स्टेटस सिंबल पर कोई फर्क नही पड़ेगा बल्कि आपके स्टेटस सिम्बल और मजबूत होगा। कायस्थ समाज एक झटके में 25 साल आगे हो जाएगा।ऐसा मेरा मानना है। मेरा मानना है जैसा कि पटवारी सिर्फ कायस्थों की अपनी usp थी उसी तरह आने वाले दिनों में हम कायस्थ राजनीति में भी अपने झंडे गाड़ेगे जो नया युवा वर्ग करेगा।मेरा यह भी मानना है यदि सरकार ने आरक्षण लागू नही किया तो हम लोग बाध्य होकर आंदोलन की राह को भी चुनेंगे।


श्रीवास्तव ने उन  कायस्थ बन्धु के लिए जिनको अपना स्टेटस सिंबल कमजोर दिखता प्रतीत हो रहा है से अपील की है कि किसी भी कन्फ्यूजन में ना रहे किसी भी दशा में यह आरक्षण कायस्थ समाज के लिए 25गुना ज्यादा फायदा करेगा । आप लोग इसे शैक्षिक या नौकरी से मत जोड़कर देखे इसे राजनीतिक आरक्षण के रुप में ले। जिन बन्धु को आरक्षण से परहेज हो वो जरूर आरक्षण शैक्षिक या नौकरी के आरक्षण को लेने को बाद में भी मना कर सकते है यह तो विकल्प हमेशा रहेगा।


लेकिन कायस्थ समाज की नई पीढ़ी और खासकर निम्न बर्ग, मध्य बर्ग के लिए सोचे ,एहि बर्ग सबसे ज्यादा परेशान रहा है। इनकी आबादी भी हम कायस्थों में 80 प्रतिशत से ऊपर है। कृपया देश हित प्रदेश हित में कायस्थों को आरक्षण मिले इसका समर्थन करे साथ ही साथ जातीय जनगणना हेतु सरकार पर दबाब डालने में हम सभी की मदद करे। बहुत कायस्थ भाई बिना जानकारी के ही इस आरक्षण मांग का विरोध कर रहे है। जिनको शैक्षणिक या नौकरी में आरक्षण नही चहिये वो मिलने पर छोड़ सकते है अपना दावा लेकिन गरीब और दबे कायस्थों की आवाज को हम लोग दबने नही देगे।उन गरीब,दबे भाइयो को हक़ दिलाने के लिए इस आरक्षण जबतक मिले नही तबतक इसपर युद्ध स्तर तक कार्य हो इसका सोचे। आरक्षण मिलने से कोई नीचा या उच्च नही होगा। बल्कि हमारा राजनीतिक और सामाजिक दायरा और बढ़ेगा।


उन्होने कहा कायस्थ समाज के उन 80 प्रतिशत से ऊपर के निम्न वर्गीय बन्धुओ के हित के लिए आप सभी बन्धुओ से अपील अपनी थोथे बाजी छोड़े और इस आरक्षण लागू हो इसके लिए सरकार पर दबाब डालने में हमारी मदद करे। भगवान चित्रगुप्त के आशीर्वाद से यदि हमें यह मिलता दिख रहा है तो हमे इसको मज़बूती से लेकर शैक्षिक, नौकरी, और राजनैतिक और आर्थिक क्रांति लिखनी होगी। याद रखे कायस्थ समाज का कोई बड़ा नेता कभी कायस्थ समाज को आगे नही ले जाएगा हमे खुद युवाओ को साथ लेकर अपने हक के लिए लड़ना होगा और हम लड़ेंगे।कायस्थ समाज को आरक्षण हमारा हक है जो आज जरूरी हो गया है। इसको समझने का प्रयास करे।