हमें नाज है :निहारिका माथुर

एथेन्स ग्रीस , 20 नवम्बर, कायस्थ टुडे ।पिछले महीने अक्टूबर के अन्तिम सप्ताह में , “ कम्प्यूटर एण्ड एक्सेसीबिलिटी “ विषय पर एथेन्स ग्रीस में सम्पन्न हुई, “ 24 वीं अन्तर्राष्ट्रीय  ACM   SIGACCESS  कान्फ्रेंस “ में जयपुर,राजस्थान की सुश्री निहारिका माथुर  के शोध पत्र ( प्रथम लेखक ) को,सर्वश्रेष्ठ घोषित किया गया ।

 विश्व के विभिन्न देशों के शोधकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत  135 पत्रों में से ,27  शौध पत्रों का  प्रकाशन हेतु चयन किया गया । इन  27 शौध पत्रों में,सुश्री निहारिका माथुर (प्रथम लेखक) के शौध पत्र को सर्वश्रेष्ठ घोषित किया गया । यह हमारे देश व राजस्थान के लिए अत्यंत गौरव का विषय है ।



             सुश्री निहारिका के शौध पत्र का विषय भी बहुत महत्वपूर्ण-सामयिक व मानव कल्याण हेतु है । “ दुर्बल पहचान शक्ति (स्मृतिशून्य-मनोभ्रंश-अल्ज़ाइमर) वाले वृद्ध व्यक्तियों को,दवा देने में ‘बातचीत ‘ (वार्ता-संवाद) द्वारा ,उचित सहयोग करने का,प्रबंध करना “ । इस प्रकार भूलने  की बीमारी वाले व्यक्तियों को समय पर दवाई लेने/देने के लिए,कम्प्यूटर द्वारा बोलकर याद दिलाना ।

       “एसोसिएशन फ़ॉर कम्प्यूटिंग मशीनरी “(ACM)  शिक्षा व विज्ञान के क्षेत्र में,विश्व की सबसे विशाल सोसाइटी है ।इसका मुख्य कार्यालय न्यूयार्क (सं.रा.अमेरिका) में है ।

         10 नवम्बर 1997 को जयपुर में जन्मी कुमारी निहारिका मेधावी विद्यार्थी रही है ।शिक्षा ,भीलवाड़ा के ‘सोफिया हाई स्कूल ‘में हुई ,उसके पश्चात आपने,दक्षिण भारत के ‘वेल्लौर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ‘से कम्प्यूटर साइंस में स्नातक की डिग्री प्राप्त की ।निहारिका ने स्नातकोत्तर (पोस्टग्रेजुएशन) डिग्री  ,विश्व प्रसिद्ध इंस्टीट्यूट ‘जॉर्जिया टेक’ अटलांटा (सं.रा.अमेरिका)से,ह्यूमन कम्प्यूटर इंटरेक्शन “विषय में प्राप्त की ।निहारिका अभी जॉर्जिया टेक में ही “ ह्यूमन सेन्टर्ड कम्प्यूटिंग “विषय में पी.एच.डी . (P.HD.) कर रही है ।

              सुश्री निहारिका माथुर की माताजी डाक्टर सुमन माथुर (जोधपुर)तथा पिताजी डाक्टर अजय माथुर (जयपुर),दोनों भीलवाड़ा के सरकारी अस्पताल में कार्यरत हैं ।निहारिका के दादा-दादी -स्व. कैलाश नारायण माथुर-स्व.श्रीमती कृष्णा माथुर (जयपुर),तथा नाना-नानी -स्व. लक्ष्मी चन्द माथुर (भूतपूर्व प्रिंसिपल,सर प्रताप स्कूल,जोधपुर)-स्व.श्रीमती पूनम कंवर है ।

हमें कुमारी निहारिका माथुर की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर ,गर्व है ।हम उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं ।

(द्वारा-रमेश चन्द्र माथुर “कृतज्ञ “

अटलांटा,सं.रा.अमेरिका ।)