भाईदूज: पहला कौर बहन के हाथ से खाएं।

 


भाईदूज के दिन भाई, बहन के घर का ही खाना खाए। ऐसा करने से भाई की आयुवृद्धि होती है। पहला कौर बहन के हाथ से खाएं। स्कंदपुराण के अनुसार इस दिन जो बहिन के हाथ से भोजन करता है, वह धन एवं उत्तम सम्पदा को प्राप्त होता है। अगर बहन हो तो मुँहबोली बहिन या मौसी/मामा की पुत्री को बहन मान ले। अगर वह भी हो तो किसी गाय अथवा नदी को ही बहन बना ले और उसके पास भोजन करे।

कहने का आश्रय यह है की यमद्वितीया को कभी भी अपने घर भोजन करे। कार्तिक शुक्ल द्वितीया को पूर्वकाल में यमुनाजी ने यमराज को अपने घर भोजन कराया था, इसलिए यहयमद्वितीयाकहलाती है। इसमें बहन के घर भोजन करना पुष्टिवर्धक बताया गया है। अतः बहन को उस दिन वस्त्र और  आभूषण देने चाहिए। उस तिथि को जो बहन के हाथ से इस लोक में भोजन करता है,वह सर्वोत्तम रत्न,धन और धान्य पाता है।

कायस्थ टुडे की की ओर से भाईदूज की बधाई

योगिता माथुर

संपादक

 धर्म ग्रंथों के अनुसार, कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन ही यमुना ने अपने भाई यम को अपने घर बुलाकर सत्कार करके भोजन कराया था। इसीलिए इस त्योहार को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। तब यमराज ने प्रसन्न होकर उसे यह वर दिया था कि जो व्यक्ति इस दिन यमुना में स्नान करके यम का पूजन करेगा, मृत्यु के पश्चात उसे यमलोक में नहीं जाना पड़ेगा। सूर्य की पुत्री यमुना समस्त कष्टों का निवारण करने वाली देवी स्वरूपा है।

उनके भाई मृत्यु के देवता यमराज हैं। यम द्वितीया के दिन यमुना नदी में स्नान करने और  यमुना और यमराज की पूजा करने का बड़ा माहात्म्य माना जाता है। इस दिन बहन अपने भाई को तिलक कर उसकी लंबी उम्र के लिए हाथ जोड़कर यमराज से प्रार्थना करती है। स्कंद पुराण में लिखा है कि इस दिन यमराज को प्रसन्न करने से पूजन करने वालों को मनोवांछित फल मिलता है। धन-धान्य, यश एवं दीर्घायु की प्राप्ति होती है।_* भाई की उम्र बढ़ानी है, तो करें यमराज से प्रार्थना. सबसे पहले बहन-भाई दोनों मिलकर यम, चित्रगुप्त और यम के दूतों की पूजा करें तथा सबको अर्घ्य दें।