'ए गजोधर' ये एक ऐसा नाम था जिसे सुनकर लोग ठहाके लगाने लगते थे । गजोधर शब्द सुनते ही लोगों को बस एक ही शख्स की याद आती थी, राजू श्रीवास्तव की । राजू श्रीवास्तव हमारे बीच नही रहे । मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव का निधन, दिल्ली के AIIMS में अंतिम सांस ली ।
58 साल के राजू श्रीवास्तव की मृत्यु कार्डियक अरेस्ट और ब्रेन रेस्पांड नही करने की वजह से हो गई । कॉमेडी की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाने वाले राजू श्रीवास्तव की जिंदगी इतनी भी आसान नही थी, जितना उन्हें देख कर लगता था ।
25 दिसंबर 1963 में राजू श्रीवास्तव का जन्म कानपुर के एक छोटे कस्बे में हुआ था । राजू श्रीवास्तव का वास्तविक नाम सत्य प्रकाश श्रीवास्तव था. लोग उन्हें प्यार से राजू भैया बुलाते थे । राजू के पिता रमेश चंद्र श्रीवास्तव एक कवि थे. इसी वजह से काला और संस्कृति की ओर राजू श्रीवास्तव का झुकाव शुरू से रहा । लेकिन कहते हैं ना कि पिता की पहचान से अलग अपनी पहचान बनाने का जुनून और उसके लिए कुछ भी कर जाने का जज्बा आसान नही होता ।
राजू श्रीवास्तव के लिए भी कानपुर से निकलकर मुंबई तक का सफर आसान नही रहा. शुरुआती दौर में उन्हें काम ढूंढने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी ।कवि के बेटे ने कॉमेडी इंडस्ट्री पर किया राज, कानपुर वाले राजू श्रीवास्तव की कहानी ।जिस समय बॉलीवुड में कादर खान, गोविंदा, चंकी पांडेय, जॉनी लीवर जैसे हास्य कलाकारों की तूती बोलती थी उस समय राजू श्रीवास्तव ने अमिताभ बच्चन की मिमिक्री के बदौलत माया नगरी में अपनी मौजूदगी दर्ज की । लेकिन कहते हैं ना 'सौभाग्य न सब दिन सोता है, देखें, आगे क्या होता है । राजू श्रीवास्तव का भी समय बदला और उन्हें 1988 में अनिल कपूर की फ़िल्म तेजाब में काम करने का मौका मिला । हालांकि उस किरदार से राजू कुछ खास छाप नही छोड़ पाए ।
राजू श्रीवास्तव को एक के बाद एक 31 फिल्मों में काम करने का मौका मिला, जिसमें मैंने प्यार किया, बॉम्बे टू गोवा, मैं प्रेम की दीवानी हूं, आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया, बिग ब्रदर जैसे कई मशहूर फिल्में शामिल हैं. राजू ने अपने कैरियर को सिर्फ फिल्मों तक सीमित नही रखा । राजू श्रीवास्तव ने शक्तिमान सहित, राजू हाजिर हो, गैंग्स ऑफ हंसीपुर, कॉमेडी का महामुकाबला जैसे कई शो में काम किया. The Great Indian laughter challenge season 1 के बाद से स्टैंड अप कॉमेडियन के तौर पर उन्होंने अपनी अलग पहचान कायम की. राजनीति में भी सक्रिय हुए थे राजू श्रीवास्तव ।
कायस्थ समाज का मुख पत्र कायस्थ टुडे ,लॉफ्टर किंग राजू श्रीवास्तव को भावभीनी श्रद्वाजंलि अर्पित करता है ।
ये वो दौर था जब स्टैंड अप कॉमेडी कल्चर भारत में लोग जानते भी नही थे, लेकिन राजू श्रीवास्तव ने हार नही मानी और आगे बढ़ते चले गए । फिर एक समय वो भी आया जब राजू श्रीवास्तव ने कॉमेडी शो के अलावा राजनीति में भी अपनी पहचान कायम करने की ठानी । उन्हें साल 2014 में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी से कानपुर लोकसभा सीट से टिकट मिला. राजू ने 11 मार्च 2014 को यह कहते हुए टिकट वापिस कर दिया कि पार्टी की स्थानीय इकाइयों से उन्हें समर्थन प्राप्त नही हुआ । इसके बाद राजू 19 मार्च 2014 को बीजेपी में शामिल हो गए. बाद में वह उत्तर प्रदेश फिल्म डेवलपमेंट काउंसिल के चेयरमैन बने ।
राजू अपने पीछे पत्नी शिखा श्रीवास्तव, बेटे आयुष्मान और बेटी अंतरा श्रीवास्तव को छोड़ गए. आज भले ही राजू श्रीवास्तव अपने फैंस के बीच नहीं रहे, लेकिन वो कलाकार अमर हो गया, जिसने अपने जीते जी, लोगों को मुस्कुराने की वजह दी.