आखिर रुला ही गया काॅमेडी किंग

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान,दिल्ली में 10अगस्त 2022 को भर्ती होने के बाद से अंतिम स्वांस लेने तक वे जीवन के लिए संघर्ष करते रहे, पर जीत नहीं पाये।आज 21.9.22 को हमें अलविदा कह गये ।

25 दिसम्बर 1966 को जन्मे 58 वर्षीय काॅमेडी किंग राजू श्रीवास्तव कानपुर(यूं.पी.) के मूल निवासी थे।अपने विशिष्ट अंदाज के लिए जाने जाने वाले राजू अंदाज की इसी विशिष्टता के कारण देश और विदेशों में भी सभी वर्गों द्वरा पसंद किये जाते रहे।उनके कार्यक्रम परिवार सहित देखें जाते थे।इसी वजह से वे अपने समय के स्टेंड-अप काॅमेडियन्स व बाॅलीवुड के भी सभी स्थापित काॅमेडियन्स से अलग बने रहे।

उन्होंने 1988 में काॅमेडी करने की शुरूआत की। "गजोधर" उनका प्रिय किरदार था।इसके अलावा उन्होंने बाॅलीवुड के प्रमुख  कलाकारों व राजनीतिज्ञों की ख़ूब मिमिकरी की।उनके प्रिय किरदार रहे सुपर स्टार अमिताभ बच्चन, लालू प्रसाद यादव,मुलायम सिंह ।  

अनेक फिल्मों में भी राजू ने रोल किये।उनकी प्रमुख फिल्में रहीं बाॅम्बे टू गोवा,बाजीगर,मैंने प्यार किया,आमदनी अठन्नी खर्चा रुपय्या, टायलेट एक प्रेम कथा ।गोविंदा व जाॅनी लीवर उनके प्रिय कलाकार थेस्टैन्ड-अप काॅमेडी के साथ वे बाॅलीवुड में आयोजित होने वाले अनेक फिल्मी आयोजनों को अपनी एंकरिंग से होस्ट भी करते रहे।


वर्ष 2014 में समाजवादी पार्टी ने उन्हें चुनाव का टिकिट भी दिया पर वह उन्होंने लौटा दिया।दैनिक भास्कर में प्रत्येक शनिवार को 'हास्य रंग' के अंतर्गत उनका व्यंग आलेख उनके अस्वस्थ होने से पहले तक छपता रहा था10 अगस्त 22 को जिम में ट्रेडमील पर चलते हुए उन्हें अचानक दिल का दौरा पड़ा।एंजियोप्लास्टी जांच में पता लगा कि सौ प्रतिशत ब्लाकेज है इस कारण दिल को जाने वाली आक्सीजन की सप्लाई प्रभावित हुई।

अन्तिम स्वांस लेने से पूर्व उन्होंने डॉक्टरों की देख रेख में लम्बे समय तक जीवन के लिए संघर्ष किया। बीच बीच में स्वस्थ्य में सुधार होने के समाचारों ने आस भी बंधायी पर नियति को तो कुछ और ही मंजूर था।तीन दशक पूर्व शुरू हुआ  हंसी और मनोरंजन का यह सफर आज सभी परिजनों व करोड़ों प्रसंशकों की आंखें नम करके पूरा हुआ।


शत् शत् नमन्   

 प्रदीप माथुर, अलवर (राज.)