विरासत को लेकर आज लोगों में कितनी दिलचस्पी है या यूं भी कह सकते है कि विरासत को की ओर युवा वर्ग लौट रहा है इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि एएफएम सोसायटी के के बैनर तले आयोजित होली घेर व ढूंढ कार्यक्रम दिन में शुरू होकर देर रात तक जारी रहा वो भी समय की बंदिशों के कारण । अगर समय सीमा तय नहीं होती तो संभवत यह आयोजन दूसरे दिन तक चलता । गेहर के सदस्यों और स्वागत करने वाले परिवारों में जबरदस्त उल्लास नजर आया । ढप की थाप पर मधुर होली गायन के ने हर एक सदस्य को गाने पर मजबूर कर दिया ।
गेहर का समापन मोहन प्रकाश माथुर के निवास पर समापन हुआ । गेहर को लेकर समाज में उत्साह का इससे अंदाजा लग सकता है कि गत वर्षों की भांति इस वर्ष पहले से भी अधिक की सूची के साथ बहुत ही बढ़िया तरिके से संचालन के साथ सादगी नजर आयी । घेर दोपहर 12 बजे सोसाइटी उपाध्यक्ष गोपाल दत्त माथुर जी के घर से शुरू होकर, श्रीमती रेखा माथुर, विजय शंकर माथुर ,प्रेम शंकर माथुर,अम्बिका प्रसाद माथुर, नारायण बिहारी माथुर, राजेश माथुर,किरण मोहन माथुर,मोहन राजोरिया,विष्णु दत्त माथुर,जनार्दन माथुर, अशोक माथुर, नंद लाल माथुर, गोपी मोहन माथुर,अर्पित नाग,भगवान बिहारी माथुर,राजेन्द्र माथुर, नोरत नारायण माथुर,मुकेश दत्त माथुर और मोहन प्रकाश माथुर के घर पर जाकर समापन हुआ ।
घेर का परिवारजनों ने जोरदार आदर सत्कार किया, पकवान, व्यंजन पेरोसे गये तो गेहेर के सदस्यों ने चंग की ढाप पर होली के गीतों से परिजनों को फागुनी बयार में खोने को मजबूर कर दिया ।
कायस्थ समाज की विरासत से रूबरू करवाने के लिए एफ एम माथुर सोसायटी के पदाधिकारियों किरण मोहन माथुर,गोपाल दत्त माथुर,प्रेम शंकर माथुर , विमल किशोर माथुर, सांस्कृतिक सचिव अम्बे माथुर समेत अन्य पदाधिकारियों की ओर से सजोये गये इस आयोजन में सदस्यों की भागीदारी ने चार चांद लगा दिए ।
अशोक माथुर मंजू माथुर ने गेहर के आयोजन पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि गेहेर को पहली बार आमंत्रित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। गेहेर का कार्यक्रम बहुत ही शानदार रहा।KAYASTHA TODAY