मेधावी छात्र वीरेंद्र माथुर हर्शुल जायेंगे टोरोंटो (कनाडा)

Ajmer अजमेर, 13 अक्टूबर (कायस्थ टुडे ) मेधावी छात्र  वीरेंद्र माथुर हर्शुल, यूनिवर्सिटी ऑफ़ टोरोंटो में स्नातकोत्तर डॉक्टरेट प्रोग्राम (पीएचडी) करेंगे ।पशुपालन विभाग मे कार्यरत नरेश माथुर Mathur  एवं शिक्षा विभाग में पदस्थापित श्रीमती प्रेमलता माथुर के बड़े पुत्र वीरेंद्र 15 अक्टूबर 2021 को कनाडा(टोरोंटो जायेंगे ।

University of Toronto यूनिवर्सिटी ऑफ़ टोरोंटो कनाडा में प्रथम रैंक एवं विश्व में 26 वे रैंक की यूनिवर्सिटी है जिसका इतिहास लगभग 200 साल पुराना है। यह यूनिवर्सिटी कई अग्रणी वैज्ञानिको, शिक्षकों,और मशहूर हस्तियों की कर्म भूमि रही है, और इसी यूनिवर्सिटी में हुए शोधकार्य से इन्सुलिन और कृत्रिम पेसमेकर जैसी जीवनरक्षी सुविधायें दुनिया को प्राप्त हुई है। इस उच्च शिक्षण संस्थान में अपना पीएचडी का कार्य करते हुए उन्हें 20000 कैनेडियन डॉलर प्रति वर्ष की फ़ेलोशिप प्राप्त हुई है, एवं उनकी पढाई की फीस भी यूनिवर्सिटी ही प्रदान करेगी। 

वीरेंद्र  यूनिवर्सिटी में डिपार्टमेंट ऑफ़ एंथ्रोपोलॉजी anthropology से सम्बंधित है, जहाँ 2020 में उनका सलेक्शन उनके स्नातकोत्तर डिग्री, 2018 -2019 में किये गए शोध, एवं उनके द्वारा लिखित प्रस्ताव के आधार पे हुआ।इस प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में हर साल सिर्फ 5 ही अंतर्राष्ट्रीय विद्यार्थियों को इस डिपार्टमेंट के डाक्टरल प्रोग्राम में सम्मिलित किया जाता है, और उन 5 में से भी वीरेंद्र की एप्लीकेशन और प्रस्ताव को उच्चतम पायदान हासिल हुआ।इस पूरी प्रक्रिया के दौरान उन्हें अपनी सुपरवाइजर प्रोफेसर जूली टैक्रोएब से मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।  

वीरेंद्र ने अपनी शिक्षा एवं स्नातकोत्तर डिग्री आई.आई.एस.ई.आर, मोहाली से प्राप्त की जहाँ वह बीएस - एमएस प्रोग्राम में शामिल थे। इससे पहले उन्होंने 12th की पढाई माहेश्वरी पब्लिक स्कूल, अजमेर से की। सीबीएसई बारहवीं बोर्ड की परीक्षा में भारत में टॉप 1% में आने वाले विद्यार्थियों को भारत सरकार के department of science and technology डिपार्टमेंट ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा Inspire - Scholarship for Higher Education इंस्पायर - स्कालरशिप फॉर हायर एजुकेशन प्रदान की जाती है। 

वीरेंद्र माथुर को भी बीएस-एमएस पांच वर्षीय प्रोग्राम के दौरान यह स्कालरशिप मिलती रही। इसी दौरान उनका वन्यजीव रिसर्च में रुझान बढ़ा और उन्होंने 2018 में उत्तराखंड हिमालय की Kedarnath Wildlife Sanctuary केदारनाथ वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी में दूर स्थित फील्ड साइट पे अपना शोध कार्य किया। वर्ष 2019 में स्नातकोत्तर डिग्री पूर्ण करने के पश्चात 2019 दिसंबर माह में उन्हें Kyoto University, Japan क्योटो यूनिवर्सिटी, जो की जापान में दूसरे रैंक की यूनिवर्सिटी है, वहां जाके अपने शोध कार्य को प्रस्तुत करने के लिए क्योटो यूनिवर्सिटी द्वारा चयन किया गया एवं 83000 जापानीज येन का अवार्ड दिया गया।साल 2020 एवं 2021 के दौरान वीरेंद्र के शोध कार्य को भारतीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने समर्थन दिया। Year 2020 में वीरेंद्र ने हिमाचल प्रदेश के एक दूरस्थ इलाके, Kugati Wildlife Sanctuary in Bharmour भरमौर में कुगति वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी में अपना शोध कार्य स्थापित किया और अपने कार्य में दूसरी फील्ड साइट जोड़ी, वहाँ पे उन्होंने 2 विद्यार्थियों को ट्रेनिंग दी जो भविष्य में अपने खुद का शोध कार्य करने की इच्छा रखतें है। इस काम को Wildlife Conservation Trustवाइल्डलाइफ कंज़र्वेशन ट्रस्ट द्वारा पूर्ण समर्थन दिया गया, जिसमें उन्हें लगभग 2500 यू एस डॉलर की राशि प्रदान की गयी। यह कार्य मार्च 2020 से सितम्बर 2020 तक किया गया। 

भारत में रहते वीरेंद्र को year  2021 में अपना शोध कार्य करने के लिए दो और अवार्ड मिले। यह अवार्ड उन्हें American Society of Primatologists अमेरिकन सोसाइटी ऑफ़ प्राइमैटोलॉजिस्ट द्वारा, एवं Inlax Ravi Sankaran Foundation इन्लाक्स रवि संकरन फाउंडेशन द्वारा दिया गया। इस वर्ष उनका शोध कार्य उत्तराखंड हिमालय में चल रहा है। Himachal Pradesh हिमाचल प्रदेश और Uttarakhand उत्तराखंड में उनका शोध हिमालय में ऊंचाई पे रहने वाले Himalayan Langur हिमालयन लंगूर से सम्बंधित है। अपने शोध कार्य के दौरान वीरेंद्र ने 7 विद्यार्थियों को ट्रेनिंग प्रदान की है।

वीरेंद्र माथुर (हर्शुल) ने Kayastha  कायस्थ समाज व अपने पूरे परिवार के नाम को इतने उच्च स्तर पर विदेशो तक पहुंचा कर गौरान्वित किया है , Kayastha todayकी ओर से वीरेन्द्र माथुर को बधाई एवं उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं ।