जयपुर, 24 अक्टूबर(कायस्थ टुडे) पति की लम्बी आयु के लिए आज महिलाओं ने करवा चोैथ का व्रत रखा । जयपुर में चांद के आसानी से दीदार हो गए लेकिन दिल्ली, नोएडा में शाम से हो रहीं बारिश के कारण महिलाओं को चांद दिखाई नहीं दिया ।
महिलाओं ने सौलह श्रृंगार कर चौथ माता की पूजा अर्चना कर कहानी सुनी और बुजुर्गो से आशीर्वाद लिया । पूजा अर्चना करने के बाद महिलाएं चांद का दीदार करने के लिए छतों पर पहुंच गयी , लेकिन चांद आखिर चांद है । आसानी से चांद नजर आ जाए तो चांद को कौन जानेगा । कुछ मिनटों के इंतजार के बाद चांद होले होले बदली से निकला । महिलाओं ने चांद की पूजा करने के बाद अपने पति के हाथों से करवा से पानी पीकर करवा चौथ का व्रत खोला ।महाराष्ट्र के अधिकांश हिस्सों में चांद आसानी से समय पर नजर आया ।
दिल्ली, नोएडा सहित अन्य कई इलाकों में शाम से रूक रूक कर हो रहीं तेज बारिश की वजह से चांद दिखाई नहीं देने पर महिलाओं ने अपने रिश्तेदारों से जहां चांद दिखाई दे रहा था, वीडियोंकाल कर वीडियों में चांद को देखकर पूजा करने के बाद व्रत खोला ।
करवाचौथ
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पिया की दीर्घायु व्रत, करवाचौथ सुहागव्रत करें।
सलोने चांद की दुआ, मुस्कुराती सुहागिन करें।
पति नाम की अर्चना, प्रभु से दीर्घायु वंदना।
यही जीवन साधना, सरगई का आगाज़ करे।
खाने में प्रेम से ग्रास, प्रीतम प्रेम का बंधन बांध।
देता अद्भुत अहसास, नई नवेली का श्रृंगार करे।
प्रकृति का नेह स्वरूप, सुनने को आतुर कथा।
रीति-रिवाजों की थाली, प्रेम में बायने से भरती।
रूप निखरा पति देख, सास- सखियों के संग।
पूजा में कहानी सुनके, भावुक हो मायके की।
याद भी सताती रहती, करवा सजाती रंगों से।
भूखी प्यासी लावण्य, छाया मुखचंद्र रिझाया।
पिया मिलन की आस, रुख़सार लालिमा युक्त।
मेंहदी रचे हाथ लजाए, नाम बेल बूटे में छिपाये।
चांद का इंतजार करती, चांद का दीदार करने।
छत पर पति संग जाती देख चांद को छलनी मे।
एक चांद आसमां में है,इक मेरे पास इतराती।
इस पंक्ति को सार्थक ,कर करवाचौथ मनाती।
अर्चना माथुर