देवी उपासना का पर्व नवरात्री

 




हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप का पूजन करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस साल शारदीय नवरात्रि आठ दिन के हैं। कारण है कि इस बार चतुर्थी और पंचमी तिथि एक साथ पड़ रही है, ऐसे में 7 अक्टूबर से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्र 14 अक्टूबर तक रहेंगे और15 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा।



दुर्गा सप्तशती के अनुसार राजा सुरथ ने दुर्गा जी की उपासना कर अपना राजपाट प्राप्त कर लिया था और समाधि वैश्य ने माया-मोह से मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त किया था। नवरात्र में घरों से लेकर मंदिरों तक श्रद्धालु कलाश स्थापन करके माँ की उपासना करते हैं और अर्गला स्त्रोत कवच का पाठ कर दुर्गा सप्तशती में माँ के पराक्रम की कथा के 12 अध्याय पढ़ते हैं। प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती का पाठ अथवा नियमित रूप से नौ दिन तक पाठ कर हवन किया जाता है। नवरात्र की नवमी को कन्याओं को देवी स्वरूप मानकर भोजन कराया जाता है।

हिंदू धर्म में नवरात्र वर्ष में चार बार होती है लेकिन दो बार मनायी जाती है। पहली चैत्र नवरात्र और दूसरी शारदीय नवरात्र। 07 अक्टूबर  से आठ  दिनों के शारदीय नवरात्र शुरू हो चुका है। महाअष्टमी 14 अक्टूबर, महानवमी 14 अक्टूबर और विजयादशमी 15 अक्टूबर को है। दो नवरात्र गुप्त होते हैं। इनमें आषाढ़ और माघ महीने के नवरात्र हैं।

नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की उपासना की जाती है। नवरात्र पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है और मां दुर्गा के भक्त व्रत रककर मां की उपासना कर कृपा र्पाप्त करते हैं। आमतौर पर सभी घरों में लोग कलश स्थापित करके मां दुर्गा की अराधना करते हंै लेकिन यदि कलश की स्थापना सही तरीके से और सही मुहूर्त में की जाए तभी यह फलदायी होता है ।

 रमेश माथुर