चिटटी ना कोई सन्देश , ना जाने कौन से गये परदेश ..........

 किशनगढ  kishangarh , 25 अक्टूबर (कायस्थ टुडे )। आज से ठीक बीस साल पहले पूज्यनीय बाउजी श्रेद्वय  जीवन लाल जी माथुर अन्तिम महा यात्रा पर प्रस्थान कर गये ।

परिवार में दिनभर सब कुछ सामान्य था, शारदीय नवरात्रा की पूजा अर्चना की , शाम को माताजी बेरी स्थित कामेश्वरी माता मन्दिर में दर्शन किए, लौटते समय हनुमानजी के दर्शन कर तख्ते पर आराम से बैठे । अचानक न जाने क्या हुआ , पलभर में सब कुछ बदल गया,दो दशक बीत गये । हर दिन कुछ न कुछ याद आ ही जाते है आखिर थे ही ऐसे की जिन्हे भूल नहीं सकते ।

 तहसील फिर शिक्षा विभाग और फिर उपज मंडी समिति किशनगढ से सेवानिवृत हुए श्रेद्य जीवन लाल जी माथुर राय साहब के नाम से ख्यात रहे । राजकीय महाविद्यालय किशनगढ में लेखाअधिकारी पद पर रहते हुए विद्यार्थियों की फीस का मसला हो या व्याख्याताओं के वेतनमान को लेकर परेशानी हर समस्या का चुटकी में समाधान करने की वजह से पूरे क्षेत्र में राय साहब के नाम से जाने जाते थे ।  

   एक वो दौर था जब महाविद्यालय में सांस्कृतिक आयोजन शांतिपूर्वक सम्पन्न होना टेडी बात हुआ करती थी बावजूद महाविद्यालय के सभी कर्मचारियों एवं प्राचार्य एवं व्याख्याताओं के सहयोग से निर्बाध सम्पन्न करवाने में माहिर हासिल थी । होली हो या दीपावली या पारिवारिक आयोजन चंग बजाना और गायन में पीछे नहीं रहते ।  बारिश के सीजन में पिकनिक का कार्यक्रम बनाने में सबसे आगे रहा करते थे ।

 अचानक बाउजी के गले में खराश हुुई, जांच हुई तो एक गंभीर बीमारी ने उन्हे जकड लिया । सब कुछ कोशिशे की लेकिन मर्ज बढता गया । अस्पताल में पूछा बेटा क्या बात है , बाउजी से कहा , कुछ नहीं । अगले ही पल बोले मुझे मालु​म है क्या हुआ है ,सब ठीक हो जाएगा । धीरे धीरे मर्ज बढता गया और अचानक बोलते बोलते हमेशा के लिए 25 अक्टूबर 2001को शांत हो गए ।बोलना बहुत चाह रहे थे , लेकिन जुबान जवाब दे गयी और आखों ही आखों में देखते हुए महाप्रयाण की ओर प्रस्थान कर गए , उस मार्ग पर चल दिए ,जहां से आज तक लौटकर वापस कोई नहीं आया है ।अब केवल और केवल यादे ही शेष बची है । बाकी सब कुछ ........


सौम्यता उनकी सुगंध थी,

आनंद उनका जीवन था।

सत्कर्म उनकी शोभा और

परोपकार उनका कर्तव्य था । 

ईश्वर आपकी पवित्र आत्मा को शांति प्रदान करे ।

   

श्रेद्वय बाउजी को परिवारजनों की ओर से श्रद्वाजंलि, शत शत नमन ।