रीट परीक्षा : जिनके पास व्यवस्था वे है मौन ?


 जयपुर, 24 सितम्बर (कायस्थ टुडे) कायस्थ समाज को एकजुट करने को लेकर बडा आयोजन करने वाले एक संगठन द्वारा 26 सितम्बर रविवार को होने वाली रीट परीक्षा 2021 की परीक्षा देने वाले कायस्थ समाज के अभ्यर्थियों-प्रतिभागियों ओर उनके अभिभावकों को ठहरने, अल्पाहार, भोजन एवं अन्य सुविधाएं देने को लेकर मौन है ।

  चित्रांश समाज के कुछ संगठन जिनके पास अपने भवन है उनके द्वारा भी जयपुर परीक्षा देने आ रहे अपने समाज के बच्चों और उनके अभिभावकों को ठहरने या अन्य सुविधाएं देने को लेकर मौन साधे हुए है जबकि ऐसे संगठनों  को  सर्वसमाज के लिए प्रबंध करने चाहिए थे । केवल बडे समारोह करने से ही  पहचान नहीं बन जाती  है समाज में नाम उनका लिया जाता है जो समाज के लिए काम करते है ओर ऐसे वक्त में जब लाखों की संख्या में परीक्षार्थी राजधानी आ रहे है , इनमें सैकेडों की संख्या चित्रांश समाज के परीक्षार्थियों की होगी ।ओर सुविधा सम्पन्न समाज संगठनों की चुप्पी अच्छा सकेंत नहीं दे रही है ।

  बडे संगठन और वे संगठन जिनके पास अपना भवन है उन्हे तो राज्य सरकार को भरोसा दिलाना चाहिए कि हम समाज के साथ साथ सर्वसमाज के परीक्षार्थियों को भी ठहरने , भोजन एवं अन्य सुविधाएं मुफत उपलब्ध करवायेंगे । लेकिन यह संगठन चुप है ,कम से कम अन्य चित्रांश संगठनों को देखकर ही निर्णय करते । अभी भी समय है । यह संगठन तो आर्थिक रूप से शक्तिशाली होने का प्रदर्शन करते है ओर ऐसे वक्त जब समाज के बच्चों को मदद की जरूरत है मौन धारण  कर लेना कई सवाल पैदा करता है ।

  शहर के हर कायस्थ संगठन अपने स्तर पर चित्रांश समाज के परीक्षार्थियों और उनके अभिभावकों के लिए ठहरने , भोेजन, अल्पाहार, निशुल्क  उपलब्ध करवा रहे है कई चित्रांश संगठन तो इससे एक कदम आगे बढ कर पढाई के लिए पुस्तकालय की भी निशुल्क सुविधा देने का ऐलान किया है , कम से कम अपने आपको बडा संगठन होने और आर्थिक रूप से मजबूत होने का प्रदर्शन करने वाले ऐसे  समाज संगठनों को  कायस्थ समाज के अन्य संगठनों से सीख लेनी चाहिए जो आर्थिक रूप से मजबूत नहीें होते हुए भी भामाशाहों की मदद से आगे आये है ।

  चित्रगुप्त सभा प्रताप नगर  सोसाइटी व माथुर समाज प्रताप नगर,जयपुर और श्रीराम जानकी रसोई की यहां जिक्र जरूर करूंगा जिन्होने अपने स्तर पर समाज बंधुओं से मदद लेकर भूखे असहाय लोगों को भरपेट भोजन प्रतिदिन उपलब्ध करवा रहे है ।सेवा इसको कहा जाता है ना कि एसी रूम में बैठ कर मात्र बाते करना और धरातल पर शून्य ।

   यह सब कुछ लिखने का आश्य केवल इतना है कि जयपुर में स्वंय को सबसे बडा संगठन होने का दावा करने वाले समाज संगठनों को ,समाज के जरूरतमंद परीक्षार्थियों को सुविधाएं उपलब्ध करवाने का निर्णय करे साथ ही इन  समाज संगठनों को तो समाज के ही नहीं बल्कि सर्वसमाज के परीक्षार्थियों को यह सुविधाएं उपलब्ध करवानी चाहिए । कायस्थ समाज के कुछ संगठनों ने तो जयपुर ही नहीं जयपुर के बाहर भी किराये पर भवन लिये है , पदाधिकारियों के घर, जानकार लोगों के घरों पर परीक्षार्थियों एंव अभिभावकों को यह सुविधाएं निशुल्क उपलब्ध करवाने की तैयारी की है ।

चलिये इस बार उपाय नहीं कर सके कम से भविष्य के लिए तो कुछ फैसले जरूर ले , अच्छा होगा समर्थ संगठन समाज के लिए ही नहीं सर्वसमाज के लिए ऐसे उपाय करेगा । यहीं नहीं कायस्थ समाज के सभी संगठन एकजुट होकर भविष्य में इस तरह की परीक्षा के दौरान समाज के लिए नहीं सर्वसमाज के लिए प्रबंध कर अन्य समाज का पथ प्रदर्शक बनेगा ।