जयपुर, 16 अगस्त । राष्ट्रीय कायस्थ महापरिषद् जयपुर के अध्यक्ष अरविंद कुमारसंभव ने कायस्थों को आरक्षण के मुददे पर अगले एक सप्ताह में बहुत सोच समझ कर और बगैर भेड़ चाल में फंसे अपने विचार संगठन को अवगत करायेंं ताकि इस यक्ष प्रश्न पर आम सहमति बनायी जाये
कुमारसंभव ने व्हाटसअप पर जारी अपील में कहा है कि महत्वपूर्ण राजनैतिक/ सामाजिक/ आर्थिक मुद्दे पर गहन मंथन करके अपना मंतव्य देना है. यह महत्वपूर्ण, ज्वलंत तथा दीर्घकालीन प्रभाव डालने वाला मुद्दा है देश के एक बड़े तबके ( मूलतः आरक्षित वर्ग एवं उनके प्रभुत्व वाले राजनैतिक दल) द्वारा जोर शोर से उठायी जा रही यह मांग कि आगामी जनगणना जातिगत आधार पर हो ताकि यह साफ हो सके कि किसका कितना पलड़ा भारी है।
सवर्ण वर्ग व बड़े राजनैतिक दल अभी तक या तो इसके विरोध में हैं या फिर इस पर खामोश हैं।
अपील में कहा गया है कि कायस्थ समुदाय से इस विषय में दो विचार सामने आ रहे हैं। एक इस मांग का समर्थन करता है और इससे कायस्थ समुदाय की वास्तविक संख्या की गणना हो जाने से समाज को पोलिटिकल गेन प्राप्त करने के प्रति आशान्वित है और वास्तविक संख्या अब से अधिक निकलने के फलस्वरूप कायस्थ अपनी मांग जोरदार तरीके दबाव डाल कर जिसमें आरक्षण की मांग भी शामिल होगी, सरकारों के समक्ष उठाने में सक्षम हो पायेगा।
दूसरे विचार में यह न केवल कायस्थ अपितु समस्त जनरल क्लास के लिये भयावह रूप से नुक्सानदेह है क्योंकि इस गणना के फलस्वरूप ओबीसी एस सी एस टी वर्ग की संख्या बहुत अधिक आ जायेगी और फिर उनके लिये उनकी संख्या के अनुरूप अधिक परसंटेज में आरक्षण का प्रावधान करना पड़ेगा जो जनरल क्लास के कोटे से ही कम किया जायेगा जिससे कायस्थ ही सबसे अधिक प्रभावित होगा. उनका यह भी कहना है कि किसी भी हालत में कोई भी सरकार कायस्थों को आरक्षित वर्ग में शामिल नहीं करेगी. क्योंकि फिर अन्य अनारक्षित वर्ग भी ऐसी ही डिमांड करेंगे. साथ ही चित्रगुप्त जी को मानने वाले 12 भाईयों के वंशजों के अतिरिक्त बंगाली, उड़िया, असमी, महाराष्ट्रीय आदि कायस्थ अपने आप को क्या इस वर्ग में लिखवायेंगें, इस में भी संदेह बना रहेगा ।
राष्ट्रीय कायस्थ महापरिषद् जयपुर अपनी कोई भी राय अधिकृत रूप से रखने से पूर्व अपने सदस्यों की इस बारे में राय जानना चाहती है. साथ ही देश के अन्य बड़े कायस्थ संगठनों से भी इस बारे में राय मशवरा करना चाहेगी ताकि देश के करोड़ों कायस्थों की एक राय राष्ट्र के सम्मुख रखी जा सके.
कुमारसंभव ने कहा है कि अपने विचार संगठन को अवगत करायेंं ताकि इस यक्ष प्रश्न पर आम सहमति बनायी जाये। यह राय किन वजहों से बनायी यह तथ्य भी लिखना जरूरी है ताकि सिंपल यस और नो का नाटक न हो पाये.