जान है तो जहान है ।

 दिन प्रतिदिन खान पान का आपके शरीर पर काफी असर पडता है । खान पान पर ध्यान देकर छोटी बडी बीमारियों से बचा जा सकता है ओर स्वस्थ्य जीवन जी सकते है ।
 केवल सेंधा नमक का प्रयोग करने पर आप थायराइड  और  ब्लडप्रेशर से बचे रह सकते हैं, यही नहीं, आपका पेट भी ठीक रहेगा ।कोई भी रिफाइंड न खाकर तिल, सरसों, मूंगफली या नारियल के तेल का प्रयोग आपके शरीर को कई बीमारियों से बचायेगा, रिफाइंड में कई हानिकारक कैमिकल  होते हैं ।सोयाबीन की बड़ी को दो घंटे भिगोकर मसलकर झाग निकालने के बाद ही प्रयोग करें, यह झाग जहरीली होती है ।



 रसोई में एग्जास्ट फैन अवश्य लगवायें, इससे प्रदूषित  हवा बाहर निकलती रहेगी । ज्यादा से ज्यादा मीठा नीम/कढ़ी पत्ता खाने की चीजों में डालें, सभी का स्वास्थ्य सही रहेगा ।भोजन का समय निश्चित करें, पेट ठीक रहेगा ।भोजन के बीच बात न करें, भोजन ज्यादा पोषण  देगा ।
 भोजन से पहले पिया गया पानी अमृत, बीच का सामान्य और अंत में पिया गया पानी ज़हर के समान होता है । बहुत ही आवश्यक हो तो भोजन के साथ गुनगुना पानी ही पियें, यह निरापद होता है ।


 सवेरे दही का प्रयोग अमृत, दोपहर में सामान्य व रात के खाने के साथ दही का प्रयोग ज़हर के समान होता है ।नाश्ते में अंकुरित अन्न शामिल करें, पोषण, विटामिन व फाईबर मुफ्त में प्राप्त होते रहेंगे । चीनी कम-से-कम प्रयोग करें, ज्यादा उम्र में हड्डियां ठीक रहेंगी । भोजन में गुड़ व देशी शक्कर का प्रयोग बढ़ायें ।छौंक में राई के साथ कलौंजी का प्रयोग भी करें, फायदे इतने कि लिखे नहीं जा सकते । एक डस्टबिन रसोई के अंदर और एक बाहर रखें, सोने से पहले रसोई का कचरा बाहर के डस्टबिन में डालना न भूलें ।करेले, मेथी और मूली यानि कड़वी सब्जियां भी खाएं, रक्त शुद्ध होता रहेगा 


 पानी मटके के पानी से अधिक ठंडा न पियें, पाचन  व दांत ठीक रहेंगे । पानी का फिल्टर RO वाला हानिकारक है,UV वाला ही प्रयोग करें ।सस्ता भी ,बढ़िया भी । बिना कलौंजी वाला अचार न खायें, यह हानिकारक होता है ।माइक्रोवेव, ओवन का प्रयोग न करें, यह कैंसर कारक है । खाने की ठंडी चीजें ( आइस क्रीम) कम से कम खायें, ये पेट की पाचक अग्नि कम करती हैं,  दांत खराब करती हैं । 
 खान पान में सतर्क रह कर होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है । यह लगती छोटी बाते है लेकिन है बडी ।