Australia-India-Rajasthan-Ajmer-Divyanshi -Mathur -selected- in -University- of -New -South -Wales-Sydney- Australia
अजमेर, 22 सितम्बर । अजमेर की बेटी दिव्यांशी माथुर का चयन QS WORLD रैंकिंग में विश्व में 43वे स्थान की यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स, सिडनी ऑस्ट्रेलिया UNSW में 10000 डॉलर की स्कालरशिप के साथ हुआ है।
दिव्यांशी माथुर राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हेमंत स्वरूप माथुर, RAS एवं रुचि माथुर असिस्टेंट प्रोफेसर सोफिया गर्ल्स कॉलेज की पुत्री है । कोविड महामारी जैसी बीमारियों के विरुद्ध लड़ने की भावना से प्रेरित हो कर दिव्यांशी ने biotechnolgy व biomedical research के विषय मे carrier बनाने का निश्चय किया। इसी के चलते दिव्यांशी ने UNSW के biotechnolgy (BABS) विभाग में बायोटेक्नोलॉजी ऑनर्स विषय को चुना। बहुमुखी प्रतिभा की धनी दिव्यांशी मयूर स्कूल की छात्रा रही है।
दिव्यांशी का चयन अमेरिका व ऑस्ट्रेलिया की कई अन्य यूनिवर्सिटी में भी हुआ था परंतु उन्होंने शोधार्थी के रूप अपने भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रख कर इस विश्वविद्यालय को चुना। उच्च स्तरीय शिक्षण के लिए मशहूर UNSW अमेरिका की आइवी लीग के समकक्ष ऑस्ट्रेलिया की ग्रुप ऑफ 8 का हिस्सा है। दिव्यांशी का सपना भविष्य में मेसुचेस्ट इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी या स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट करने का है।
दिव्यांशी इस चयन का श्रेय अपने माता पिता व परिवारजन को, मयूर स्कूल के प्रिंसिपल अधिराज सिंह जी को व अजमेर की ही CARRIER कंसलटेंट डॉ डेविड राशना मैडम को देती है। दिव्यांशी का मानना है कि निरंतर कठोर परिश्रम व अपनी लगन से उन्होंने जो मुकाम पाया है उससे अन्य विद्यार्थी भी मेडिकल व इंजीनियरिंग के अलावा अन्य carrier विकल्पों की तरफ आकर्षित होंगे।
दिव्यांशी का कहना है कि विश्व की हाई रैंकिंग यूनिवर्सिटीज में चयन होना मुश्किल नही है बस सही काउंसलिंग व सही समय पर अप्लाई करना आवश्यक है। स्कॉलरशिप के साथ चयन की प्रक्रिया लंबी है, जिसमे कई चरण है, पर सही मार्गदर्शन प्राप्त कर एडमिशन लिया जा सकता है।दिव्यांशी म्यूजिक व स्विमिंग की शौकीन है। वे कई स्वयं सेवी संस्थाओं से भी जुड़ी है।
परिवार से दूर जा कर रहने व पढ़ने की चुनौती को वे काफी महत्वपूर्ण मानती है। पर अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए वे हर चुनोती से लड़ने को तैयार दिखती है।अधिकांश परिवार अपने बच्चो को विदेशों में पढ़ाई विशेषकर रिसर्च के लिए प्रोत्साहित नही कर पाते है। वहाँ की संस्कृतिक भिन्नता, घर से दूरी, पढ़ाई का खर्चा जैसी कई समस्याओं के कारण युवा सही समय पर अप्लाई नही कर पाते है, ऐसे में प्रतिभा होने के बाद भी जानकारी के अभाव में मन मे चाह होने के बाद भी कई बच्चे व उनके अभिभावक इस प्रकार का निर्णय नही ले पाते।कोविड के कारण घर से ही ऑनलाइन पढ़ाई करनी पड़ रही है, पर दिव्यांशी को उम्मीद है कि जल्द ही वे सिडनी जा कर अपनी पढ़ाई पूरी कर पाएंगी।