डर लगता है


आमाशय.......को डर लगता है जब आप सुबह का नाश्ता नहीं करते हैं।


किडनी .........को डर लगता है जब आप 24 घण्टों में 10 गिलास पानी भी नहीं पीते।


गाल ब्लेडर.............को डर लगता है जब आप 10 बजे रात तक भी सोते नहीं और सूर्योदय तक उठते नहीं हैं।


छोटी आँत...........को डर लगता है जब आप ठंडा और बासी भोजन खाते हैं।


बड़ी आँतों..........को डर लगता है जब आप तैलीय मसालेदार मांसाहारी भोजन करते हैं।


फेफड़ों.........को डर लगता है जब आप सिगरेट और बीड़ी के धुएं, गंदगी और प्रदूषित वातावरण में सांस लेते है।


लीवर........को डर लगता है जब आप भारी तला भोजन, जंक और फ़ास्ट फ़ूड खाते है।


हृदय...........को डर लगता है जब आप ज्यादा नमक और केलोस्ट्रोल वाला भोजन करते है।


पैनक्रियाज.........को डर लगता है जब आप स्वाद और फ्री के चक्कर में अधिक मीठा खाते हैं।


आँखों.........को डर लगता है जब आप अंधेरे में मोबाइल और कंप्यूटर के स्क्रीन की लाइट में काम करते है।


और


मस्तिष्क.........को डर लगता है जब आप नकारात्मक चिन्तन करते हैं।


*“स्वस्थ रहें ,मस्त रहें, व्यस्त रहें”