पॉजिटिव सोच :रामस्वरूप भटनागर
राकेश तुम बाज़ार की तरफ जा रहे हो तो मेरे लिए भी इस पर्ची में लिखा सामान लेते आना। बहुत ही सहज भाव से दीपा चाची ने कहते हुए पर्ची ओर कुछ रुपये राकेश की बढ़ा दिये। राकेश समझ नही पा रहा था कि चाची को क्या जबाब दे , फिर भी अनमने भाव से पर्ची व रुपये हाथ मे ले चल पड़ा बाजार की ओर। इधर कोरोना महामारी के चल…
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लो मैं भी आ गया,डेल्टा प्लस वेरिएंट
अल सुबह दरवाजा खटखटाने की आवाज सुनाई दी। मै चोंका लाकडाऊन में इतनी सुबह कौन आया है। मैने मास्क लगाया, स्वयं पर सेनेटाइजर का स्प्रे किया और सेनेटाईजर की बोटल को साथ लेकर दरवाजा खोलने गया, ज़ो भी महमान होगा उसे सेनेटाईज करके ही प्रवेव दूंगा। दरवाजे पर एक अजनबी खडा था। मैने पूछा, कौन है आप, किससे मिलना…
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प्रेम के निदान का , मार्ग कुछ ना खोजिए :तुषार माथुर
कुछ दोहे ------------ प्रेम के निदान का  मार्ग कुछ ना खोजिए  प्रेम के ही मार्ग पर  गम का निदान पाइए  थक कर बैठो ना तुम  जब तक मंजिल पा न लो, मंजिल को पाने का सुख अंत में सब संग बाटिए  द्वेष भाव कभी ह्रदय में अपने ना आने दीजिए  द्वेष भाव जो रखे ह्रदय में उससे यारी ना कीजिए  मित्र रखो तुम हरदम ऐसा ज…
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Kayastha समाज सितारे : साहित्यकार प्रहलाद नारायण माथुर
आज हम आपका परिचय कराने जा रहे हैं, राजस्थान के अजमेर निवासी प्रहलाद नारायण माथुर  से, आपने व्यवसाय प्रशासन में पोस्ट ग्रेजुएट कर, ओरिएंटल इंश्योरेंस में उपप्रबंधक के पद पर सेवाएं दीं, उसके बाद सेवानिवृत्ति लेकर साहित्य की सेवा कर रहे हैं   प्रहलाद नारायण माथुर की प्रकाशित हुई पुस्तके ।     1. सफर र…
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Kayastha कायस्थ एंटरप्रेन्योर पोर्टल शीध्र ।
जयपुरJaipur , 14 जून । Sarvice नौकरी की तलाश कर रहेYouth  युवकों और अपने  products उत्पादों की जानकारी देने वाले उत्पादकर्ताओं के अच्छे दिन आने वाले है ।   शुकदेव नेपालिया जी ( भूमिका सोलुशन )  मनोज  ( वेक्टर ग्राफिक्स )लोकेश नेपालिया जी (y 2k सिस्टम )पोलेंड निवासी मनील और इनके सहयोगी   Entrepreneu…
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कर्मो की दौलत
एक राजा था जिसने ने अपने State राज्य में क्रूरता से बहुत सी दौलत इकट्ठा करके(एकतरह शाही खजाना )आबादी से बाहर Jungal जंगल एक सुनसान जगह पर बनाए तहखाने मे सारे खजाने को खुफिया तौर पर छुपा दिया था । खजाने की सिर्फ दो Key चाबियां थी एक चाबी राजा के पास और एक उसकेएक खास मंत्री के पास थी इन दोनों के अ…
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धीरे-धीरे रे मना-धीरे सबकुछ होय
अरविन्द के अन्दर धैर्य बिलकुल भी नहीं था. वह एक काम शुरू करता…कुछ दिन उसे करता और फिर उसे बंद कर दूसरा काम शुरू कर देता. इसी तरह कई साल बीत चुके थे और वह अभी तक किसी बिजनेस में सेटल नहीं हो पाया था.  अरविन्द की इस आदत से उसके माता-पिता बहुत परेशान थे. वे जब भी उससे कोई काम छोड़ने की वजह पूछते तो वह …
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"सावधानी जरूरी"
:कायस्थ टुडे : 🌹सब खोल तो रहे हो      पर सावधान रहना,      विदाअभी हुआ नहीं      छिपा है "कोरोना"! 🌹शत्रु जो सामने हो      बचना भी हैआसां,      हो उससे लड़ना तो      लड़ना भी है आसां                                🌹रहना इससे बचके      रखना सावधानी,      मिली पूरी छूट में      ना हो नाद…
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क्या आपको पता है..?
महिलाएं आटा गूंथने के बाद उस पर उंगलियों से निशान क्यों बनाती हैं, मेरी दादीजी ने बचपन में बताई थी ये बात.. आपने अक्सर देखा होगा खासकर महिलाएं रोटी पकाने से पहले जब आटा गूंथतीं हैं तो अंत में उस पर उंगलियों से कुछ निशान बना देती हैं. और फिर कई महिलाएं अपने हाथ में लगा हुआ आटा, गूथे हुए आटे पर चि…
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स्वस्थ्य रहने के नुस्खे ।
पानी में गुड डालिए, बीत जाए जब रात! सुबह छानकर पीजिए, अच्छे हों हालात!! धनिया की पत्ती मसल, बूंद नैन में डार! दुखती अँखियां ठीक हों, पल लागे दो-चार!! ऊर्जा मिलती है बहुत, पिएं गुनगुना नीर! कब्ज खतम हो पेट की, मिट जाए हर पीर!! प्रातः काल पानी पिएं, घूंट-घूंट कर आप! बस दो-तीन गिलास है, हर औषधि का बाप…
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अब समझ आया पूर्वजों के समय में
1. शौचालय और स्नानघर निवास स्थान के बाहर होते थे। 2.क्यों बाल कटवाने के बाद या किसी के दाह संस्कार से वापस घर आने पर बाहर ही स्नान करना होता था बिना किसी व्यक्ति या समान को हाथ लगाए हुए। 3. क्यों पैरो की चप्पल या  जूते घर के बाहर उतारा जाता था, घर के अंदर लेना निषेध था। 4. क्यों घर के बाहर पानी रखा…
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पूर्व पार्षद विष्णु माथुर से प्रेरणा लेनी चाहिए समाज को ।
एक दाह-संस्कार में मेरे साथ यू. पी. केडर के वरिष्ठ आई. ए. एस. अधिकारी थे। हरा-भरा और विकसित श्मशान देखकर वे प्रभावित हुए। मैंने इसका श्रेय विष्णु भाईसाहब को देते हुए उनका परिचय वी. पी. जी से करा दिया। समाज में किसी का भी दाग हो वे वहाँ उपस्थित रहते ही है।  रात को घर के सभी सदस्यों के बीच गमगीन मा…
बच्चों को सिखाएं।
बच्चों को यह सब सिखाएं क्योंकि उन्हें हिंदू धर्म के विषय में ज्ञान होगा दो लिंग : नर और नारी । दो पक्ष : शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। दो पूजा : वैदिकी और तांत्रिकी (पुराणोक्त)। दो अयन : उत्तरायन और दक्षिणायन। xxxxxxxxxx 02 xxxxxxxxxx तीन देव : ब्रह्मा, विष्णु, शंकर। तीन देवियाँ : महा सरस्वती, महा लक…
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क्या आप जानते है चित्रमास के बारे में ।
हिंदुओं के हिन्दी संवत् मास चित्रमास है जो अपभ्रंश होकर चैत्रमास हो गया है। यह मास चित्रगुप्तजी के नाम से है।  इसी चित्रमास के पूर्णिमा को चित्र (चित्रा) नक्षत्र में ब्रह्माजी जी द्वारा 11000 साल की तपस्या करने के उपरांत उनकी काया से श्री चित्रगुप्तजी भगवान  मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में क्षिप्रा न…
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घुटन से बचा सकता है मास्क पर इस हर्बल स्प्रे का छिड़काव : डा श्रीवास्तव
नई दिल्ली, 25, अप्रैल । कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क के उपयोग पर जोर दिया जा रहा है। पुलिस, डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों को लंबे समय मास्क लगाना पड़ रहा है, जिससे उन्हें कई बार सांस लेने में घुटन महसूस होती है। भारतीय वैज्ञानिकों ने एक हर्बल डीकन्जेस…
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लक्ष्य भूलना नही.....
सुखों की वजह, जिनको मानता है। दुखो का कारण भी, क्या तू पहचानता है।। विचलित हो जाता है, क्षण भर में। पुलकित हो जाता है, पल भर में।। समय के इस खेल में, मायूस ना हो। महकती खुशी से तू, यूँ मदहोश ना हो।। अवसर को कभी तुम,  चूकना नही। मौकों को कभी तुम, छोड़ना नही।। ज़िन्दगी तेरी फिर, खुशहाल हो जाएंगी। बूंदो…
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शयन के नियम
1. सूने तथा निर्जन घर में अकेला नहीं सोना चाहिए। देव मन्दिर और श्मशान में भी नहीं सोना चाहिए। (मनुस्मृति) 2. किसी सोए हुए मनुष्य को अचानक नहीं जगाना चाहिए। (विष्णुस्मृति) 3. विद्यार्थी, नौकर औऱ द्वारपाल, यदि ये अधिक समय से सोए हुए हों, तो इन्हें जगा देना चाहिए। (चाणक्यनीति) 4. स्वस्थ मनुष्य को आयुर…
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यादें
चारों ओर फैली थी गहरी बोझिल  उदासी । और उदासी के उस  निर्मम  क्षण में में ,ठीक मेरे सामने अपने घुटनों पर माथा रखकर  बेहद कातर भाव से सिसक रहा था एक बूढ़ा सा शब्द । उसकी करुण सिसकियाँ मुझे भीतर तक बेध रही थी । काँपते हाथों से उसके माथे को  उसके घुटनों से  ऊपर उठाया था । जैसा मैं सोच रहा था सही में उस…
बंद
अरे बंद  तुम फिर आ गया  तुमको तो हमने  अपनी जवानी में  कितना बार खाया  तू तो मेरी  हर सुबह की  चहेती हुआ करती थी  तेरा साथ  देने को गर्म चाय की प्याली  ओर बटर की टिकिया थी  उस वक्त तो तुम  इतने डरावने नही थे  डर तो दूर  तुम तो सुबह की  क्षुधा तृप्ति का  एक मात्र सहारा थी  तुम इतने सस्ते थे  कि अप…
रामायण ने दिखायी सुखद राह......
हम लॉकडाउन को खुब इन्जॉय कर रहे है। बच्चों के साथ छुपम-छुपाई, लंगड़ी टांग,चंगा पौ, व्यापार और हाओजी भी खेलते है। कागज पर आकृतियाँ उकेरने है, उनमें रंग भरते है।भिन्न-भिन्न कलर के पेपर नैपकिन से फुल बनाते है।  यह सब परिवर्तन आया रामायण सीरीयल देखने के बाद।  इस पुश्तैनी बडे बंगले में एक पिता के तीन ब…