पॉजिटिव सोच :रामस्वरूप भटनागर
राकेश तुम बाज़ार की तरफ जा रहे हो तो मेरे लिए भी इस पर्ची में लिखा सामान लेते आना। बहुत ही सहज भाव से दीपा चाची ने कहते हुए पर्ची ओर कुछ रुपये राकेश की बढ़ा दिये। राकेश समझ नही पा रहा था कि चाची को क्या जबाब दे , फिर भी अनमने भाव से पर्ची व रुपये हाथ मे ले चल पड़ा बाजार की ओर। इधर कोरोना महामारी के चल…