ख्वाहिशें
बचपन में  लौट जाने की ख्वाइश, सबकी सदा ही  रहती हैं भारी ! बचपन का  वह  निश्छल जीवन,  अब की आपा-धापी पर भारी !!! हे मन  यूंही होती नहीं है, लौटने की ये इच्छा न्यारी !!!! अब तो सब हैं  तंग -परेशां,  जीवन जीना है लाचारी !!!!! चित्रांश प्रदीप माथुर अलवर(राज.)
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मुकेश : ‘...हर इक पल मेरी हस्ती है, हर इक पल मेरी जवानी है.’
पुण्यतिथि  संगीत के 'बौद्धिक' जानकार मुकेश की गायकी को सादा बताकर उसे उनकी सीमित प्रतिभा कहते थे लेकिन आम आदमी खुद को इसी आवाज के सबसे करीब पाता था मुकेश के हिस्से में शायद ही कभी मस्तीभरे गाने आए हों लेकिन अपने गानों के मिजाज से अलग वे मासूमियत भरे मजाक करने में कभी चूकत…
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युवा शास्त्रीय गायक विक्रम श्रीवास्तव की प्रस्तुति।
जयपुर, 22 जुलाई । गुलाबी नगरी जयपुर के युवा शास्त्रीय गायक विक्रम श्रीवास्तव 24 जुलाई को रात 08:30 बजे पद्मश्री उस्ताद राशिद खाँ साहब के म्युज़िक अकादमी"द फिफ्थ नोट ग्लोबल सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस" में उनके सोशियल मीडिया से अपने शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति देंगे।  युवा शास्त्रीय गायक विक्रम श्र…
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टेलीविजन अभिनेता आदित्य श्रीवास्तव जाना पहचाना नाम
इलाहाबाद, 22 जुलाई । भारतीय फिल्म और टेलीविजन अभिनेता, धारावाहिक सीआईडी में वरिष्ठ निरीक्षक आदित्य श्रीवास्तव आज जाना पहचाना नाम है । आदित्य श्रीवास्तव सबसे लंबे समय तक चलने वाली टेलीविजन पुलिस प्रक्रियात्मक CID में वरिष्ठ निरीक्षक अभिजीत के रूप में उनकी भूमिका के लिए लोगों में पहचान है ।  । 1992…
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The Rising Kayastha Star कल से
जयपुर, 18 जुलाई । नेशनल कायस्थ एक्शन कमेटी का कार्यक्रम The Rising Kayastha Star कल  19 जुलाई से शुरू होगा ।       प्रत्येक रविवार सम्पूर्ण भारत के वो सभी राज्यो के फाइनल बच्चे आपको एक वर्ष बाद उनमें कितनी प्रतिभा का विकास हुआ है का प्रदर्शन करेंगे ।
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ख्वाहिश नहीं मुझे मशहूर होने की,":हरिवंश राय बच्चन
ख्वाहिश नहीं मुझे मशहूर होने की,"         आप मुझे पहचानते हो         बस इतना ही काफी है। अच्छे ने अच्छा और बुरे ने बुरा जाना मुझे,         जिसकी जितनी जरूरत थी         उसने उतना ही पहचाना मुझे! जिन्दगी का फलसफा भी कितना अजीब है,         शामें कटती नहीं और   -साल गुजरते चले जा रहे हैं!_ एक अजीब…
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ख्वाहिश नहीं मुझे : मुंशी प्रेमचंद जी
ख्वाहिश नहीं मुझे मशहूर होने की,"         आप मुझे पहचानते हो         बस इतना ही काफी है। अच्छे ने अच्छा और बुरे ने बुरा जाना मुझे,         जिसकी जितनी जरूरत थी         उसने उतना ही पहचाना मुझे! जिन्दगी का फलसफा भी कितना अजीब है,         शामें कटती नहीं और         साल गुजरते चले जा रहे हैं! एक …
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सुरों के संग संस्कृति के रंग ऑनलाइन प्रतियोगिता
जयपुर, 10 जुलाई । कला मंज़र संस्था आगामी 25 जुलाई को सुरों के संग संस्कृति के रंग  शास्त्रीय एवं लोक गीतों की ऑनलाइन प्रतियोगिता आयोजित कर रही है । कला मंजर सोसायटी की महासचिव मीनाक्षी माथुर के अनुसार ज़ूम मीटिंग के माध्यम से 25 जुलाई को ऑनलाइन आयोजित प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतियोगी 20 जुला…
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अंजन श्रीवास्‍तव सोनी सब के ‘वागले की दुनिया’ के सेट पर लौटे
mumbai मुम्बई,3 जुलाई ।  Sony SAB's सोनी सब का  Wagle Ki Duniya ‘वागले की दुनिया’ अपने साधारण, लेकिन प्रासंगिक कथानक से दर्शकों के दिलों को जीत रहा है, क्‍योंकि उसमें परिवार के सदस्‍यों के बीच खूबसूरत रिश्‍ता दिखाई देता है। सेट पर अंजन श्रीवास्‍तव, यानि श्रीनिवास वागले की वापसी से माहौल म…
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मुरली मनोहर के. माथुर सम्मानित
अजमेर, 20 जून । देश के ख्यातनाम चित्रकार रेलवे से सेवानिवृत्त किशनगढ निवासी  कलम के धनी मुरली मनोहर के. माथुर को सरस्वती कला केंद्र श्री गंगानगर की और से वर्ष 2021 के कला मणि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है। संस्था अध्यक्ष डॉ हजारा और सचिव दिलीप माथुर ने बताया की वरिष्ठ चित्रकार mathur माथुर को कला …
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"संगीतकार रामलाल माथुर "  
राजस्थान में लोक संगीत का कोई  भी सच्चा जानकर होगा तो वो संगीतकार रामलाल जी के नाम से शायद ही अपरिचित होगा। जोधपुर में बेनागढ़ निवासी  मोहनप्यारा जी के पुत्र  रामलालजी का अधिकतर जीवन उदयपुर और जयपुर  में गुजरा।  आप जितने अच्छे गायक थे उतने ही अच्छे सितार वादक भी थे। आपने प्रसिद्धि तब पायी जब आपने के…
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पाहुन
पाहुन  सुनकर प्यारा शब्द ये पाहुन दिल ने ली अंगराई, तुम पाहुन बन घर मेरे आते मै करती पहुनाई। आते ही जो तुम थमा देते अपने हाथों से मेरी हाथों में,  प्यारी सी एक खूबसूरत कलम, जिसकी सूरत होती कविता जैसी बिल्कुल मेरी और तुम्हारी तरह। कलम के साथ मैं महसूस करती बहुत सारी चीजों का स्पर्श। जैसे थमा दिया हो…
सकट चौथ की कहानी
देश भर में विशेष तौर से उत्तरी भारत में आज सकट चौथ का त्यौहार मनाया जा रहा है । संकट चौथ का त्यौहार यूं तो हिन्दी भाषी प्रदेशों में मनाया जाता है । लेकिन देश विदेश में बसे हिन्दी भाषी राज्यों के लोग भी जहां निवास कर रहे है , संकट चौथ का त्यौहार मनाते है । "सकटचौथ" का त्यौहार मकर संक्रांत…
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